सीआरपीसी की धारा 408 — मामलों और अपीलों को अंतरित करने की सेशन न्यायाधीश की शक्ति —
(1) जब कभी सेशन न्यायाधीश को यह प्रतीत कराया जाता है कि न्याय के उद्देश्यों के लिए यह समीचीन है कि इस उपधारा के अधीन आदेश दिया जाए, तब वह आदेश दे सकता है कि कोई विशिष्ट मामला उसके सेशन खण्ड में एक दण्ड न्यायालय से दूसरे दण्ड न्यायालय को अंतरित कर दिया जाए।
(2) सेशन न्यायाधीश निचले न्यायालय की रिपोर्ट पर या किसी हितबद्ध पक्षकार के आवेदन पर या स्वप्रेरणा पर कार्रवाई कर सकता है।
(3) धारा 407 की उपधारा (3), (4), (5), (6), (7) और (9) के उपबंध इस धारा की उपधारा (1) के अधीन आदेश के लिए सेशन न्यायाधीश को आवेदन के संबंध में वैसे ही लागू होंगे जैसे वे धारा 407 की उपधारा (1) के अधीन आदेश के लिए उच्च न्यायालय को आवेदन के संबंध में लागू होते हैं, सिवाय इसके कि उस धारा की उपधारा (7) इस प्रकार लागू होगी मानो उसमें आने वाले “एक हजार रुपए” शब्दों के स्थान पर “दो सौ पचास रुपए” शब्द रख दिए गए हैं।
Section 408 CrPC — Power of Sessions Judge to transfer cases and appeals —
(1) Whenever it is made to appear to a Sessions Judge that an order under this sub-section is expedient for the ends of justice, he may order that any particular case be transferred from one Criminal Court to another Criminal Court in his sessions division.
(2) The Sessions Judge may act either on the report of the lower Court, or on the application of a party interested, or on his own initiative.
(3) The provisions of sub-sections (3), (4), (5), (6), (7) and (9) of section 407 shall apply in relation to an application to the Sessions, Judge for an order under sub-section (1) as they apply in relation to an application to the High Court for an order under sub-section (1) of section 407 except that sub-section (7) of that section shall so apply as if for the words “one thousand rupees” occurring therein, the words “two hundred and fifty rupees” were substituted.