हिन्दू विवाह अधिनियम की धारा 21B – इस अधिनियम के अधीन अर्जियों के विचारण और निपटारे से सम्बन्धित विशेष उपबन्ध –
(1) इस अधिनियम के अधीन अर्जी का विचारण, जहां तक कि न्याय के हित से संगत रहते हुए उस विचारण के बारे से साध्य हो, दिन प्रतिदिन तब तक निरन्तर चालू रहेगा जब तक कि वह समाप्त न हो जाए किन्तु उस दशा में नहीं जिसमें न्यायालय विचारण का अगले दिन से परे के लिए स्थगन उन कारणों से आवश्यक समझे जो लेखबद्ध किए जाएंगे ।
(2) इस अधिनियम के अधीन हर अर्जी का विचारण जहां तक संभव हो शीघ्र किया जाएगा और प्रत्यर्थी पर अर्जी की सूचना की तामील होने की तारीख से छह मास के अन्दर विचारण समाप्त करने का प्रयास किया जाएगा ।
(3) इस अधिनियम के अधीन हर अपील की सुनवाई जहां तक संभव हो शीघ्र की जाएगी और प्रत्यर्थी पर अपील की सूचना की तामील होने की तारीख से तीन मास के अंदर सुनवाई समाप्त करने का प्रयास किया जाएगा ।
Section 21B Hindu Marriage Act – Special provision relating to trial and disposal of petitions under the Act —
(1) The trial of a petition under this Act shall, so far as is practicable consistently with the interests of justice in respect of the trial, be continued from day to day until its conclusion unless the court finds the adjournment of the trial beyond the following day to be necessary for reasons to be recorded.
(2) Every petition under this Act shall be tried as expeditiously as possible and endeavour shall be made to conclude the trial within six months from the date of service of notice of the petition on the respondent. हिन्दू विवाह अधिनियम की धारा 21(B)
(3) Every appeal under this Act shall be heard as expeditiously as possible, and endeavour shall be made to conclude the hearing within three months from the date of service of notice of appeal on the respondent.