5/6 पॉक्सो एक्ट – गुरुतर प्रवेशन लैंगिक हमला
5/6 पॉक्सो एक्ट सजा – बीस वर्ष से कम की नहीं होगी, किन्तु जो आजीवन कारावास तक की हो सकेगी, या मृत्यु से दण्डित किया जाएगा
5 पॉक्सो एक्ट – गुरुतर प्रवेशन लैंगिक हमला:-
(क) जो कोई, पुलिस अधिकारी होते हुए किसी बालक पर-
(i) पुलिस थाने या ऐसे परिसरों की सीमाओं के भीतर जहां उसकी नियुक्ति की गई है; या
(ii) किसी थाने के परिसरों में, चाहे उस पुलिस थाने में अवस्थित हैं या नहीं जिसमें उसकी नियुक्ति की गई है; या
(iii) अपने कर्तव्यों के अनुक्रम में या अन्यथा; या
(iv) जब वह, पुलिस अधिकारी के रूप में ज्ञात हो या उसकी पहचान की गई हो,
प्रवेशन लैंगिक हमला करता है; या
(ख) जो कोई सशस्त्र बल या सुरक्षा बल का सदस्य होते हुए बालक पर,-
(i) ऐसे क्षेत्र की सीमाओं के भीतर जिसमें वह व्यक्ति तैनात है; या
(ii) बलों या सशस्त्र बलों की कमान के अधीन किन्हीं क्षेत्रों में; या
(iii) अपने कर्तव्यों के अनुक्रम में या अन्यथा, या
(iv) जहां उक्त व्यक्ति, सुरक्षा या सशस्त्र बलों के सदस्य के रूप में ज्ञात हो या उसकी पहचान की गई हो,
प्रवेशन लैंगिक हमला करता है; या
(ग) जो कोई लोक सेवक होते हुए, किसी बालक पर प्रवेशन लैंगिक हमला करता है; या
(घ) जो कोई किसी जेल, प्रतिप्रेषण गृह, संरक्षण गृह, संप्रेक्षण गृह या तत्समय प्रवृत्त किसी विधि द्वारा या उसके अधीन स्थापित अभिरक्षा या देखरेख और संरक्षण के किसी अन्य स्थान का प्रबंध या कर्मचारिवृंद ऐसे जेल, प्रतिप्रेषण गृह, संप्रेक्षण गृह या अभिरक्षा या देखरेख और संरक्षण के अन्य स्थान पर रह रहे किसी बालक पर प्रवेशन लैंगिक हमला करता है; या
(ङ) जो कोई, किसी अस्पताल, चाहे सरकारी या प्राइवेट हो, का प्रबंध या कर्मचारिवृंद होते हुए उस अस्पताल में किसी बालक पर प्रवेशन लैंगिक हमला करता है; या
(च) जो कोई, किसी शैक्षणिक संस्था या धार्मिक संस्था का प्रबंध या कर्मचारिवृंद होते हुए उस संस्था में किसी बालक पर प्रवेशन लैंगिक हमला करता है; या
(छ) जो कोई, किसी बालक पर सामूहिक प्रवेशन लैंगिक हमला करता है।
स्पष्टीकरण– जहां किसी बालक पर, किसी समूह के एक या अधिक व्यक्तियों द्वारा उनके सामान्य आशय को अग्रसर करने में लैंगिक हमला किया गया है वहां ऐसे प्रत्येक व्यक्ति द्वारा इस खंड के अर्थातर्गत सामूहिक प्रवेशन लैंगिक हमला कारित किया जाना समझा जाएगा और ऐसा प्रत्येक व्यक्ति उस कृत्य के लिए वैसी ही रीति में दायी होगा मानो वह उसके द्वारा अकेले किया गया था; या
(ज) जो कोई, किसी बालक पर घातक आयुध, अग्न्यायुध, गर्म पदार्थ या संक्षारक पदार्थ का प्रयोग करते हुए प्रवेशन लैंगिक हमला करता है; या
(झ) जो कोई, किसी बालक को घोर उपहति कारित करते हुए या शारीरिक रूप से नुकसान और क्षति करते हुए, या उसके/उसकी जननेंद्रियों को क्षति करते हुए प्रवेशन लैंगिक हमला करता है; या
(ञ) जो कोई, किसी बालक पर प्रवेशन लैंगिक हमला करता है जिससे,-
(i) बालक शारीरिक रूप से अशक्त हो जाता है या बालक मानसिक स्वास्थ्य अधिनियम, 1987 (1987 का 14) की धारा 2 के खंड (ठ) के अधीन यथापरिभाषित मानसिक रूप से रोगी हो जाता है या किसी प्रकार का ऐसा ह्रास कारित करता है जिससे बालक अस्थायी या स्थायी रूप से नियमित कार्य करने में अयोग्य हो जाता है;
(ii) बालिका की दशा में, वह लैंगिक हमले के परिणामस्वरूप, गर्भवती हो जाती है;
(iii) बालक, मानव प्रतिरक्षाह्रास विषाणु या किसी ऐसे अन्य प्राणघातक रोग या संक्रमण से ग्रस्त हो जाता हैं जो बालक को शारीरिक रूप से अयोग्य, या नियमित कार्य करने में मानसिक रूप से अयोग्य करके अस्थाई या स्थाई रूप से ह्रास कर सकेगा;
(iv) बालक की मृत्यु हो जाती है; या
(ट) जो कोई, बालक की मानसिक और शारीरिक अशक्तता का लाभ उठाते हुए बालक पर प्रवेशन लैंगिक हमला करता है;या
(ठ) जो कोई, उसी बालक पर एक से अधिक बार या बार-बार प्रवेशन लैंगिक हमला करता है; या
(ड) जो कोई, बारह वर्ष से कम आयु के किसी बालक पर प्रवेशन लैंगिक हमला करता है; या
(ढ) जो कोई, बालक का रक्त या दत्तक या विवाह या संरक्षकता द्वारा या पोषण देखभाल करने वाला नातेदार या बालक के माता-पिता के साथ घरेलू संबंध रखते हुए या जो बालक के साथ साझी गृहस्थी में रहता है, ऐसे बालक पर प्रवेशन लैंगिक हमला करता है; या
(ण) जो कोई, बालक को सेवा प्रदान करने वाली किसी संस्था का स्वामी या प्रबंध या कर्मचारिवृंद होते हुए बालक पर प्रवेशन लैंगिक हमला करता है; या
(त) जो कोई, किसी बालक के न्यासी या प्राधिकारी के पद पर होते हुए बालक की किसी संस्था या गृह या कहीं और बालक पर प्रवेशन लैंगिक हमला करता है; या
(थ) जो कोई, यह जानते हुए कि बालिका गर्भ से है, बालिका पर प्रवेशन लैंगिक हमला करता है; या
(द) जो कोई, बालक पर प्रवेशन लैंगिक हमला करता है और बालक की हत्या करने का प्रयत्न करता है; या
(ध) जो कोई, [सामुदायिक या पंथिक हिंसा के दौरान या प्राकृतिक विपत्ति की स्थिति या उस प्रकार को किन्हीं भी स्थितियों के दौरान] बालक पर प्रवेशन लैंगिक हमला करता है; या
(न) जो कोई, बालक पर कोई प्रवेशन लैंगिक हमला करता है और वह पूर्व में इस अधिनियम के अधीन कोई अपराध करने के लिए या तत्समय प्रवृत्त किसी अन्य विधि के अधीन दंडनीय कोई लैंगिक अपराध किए जाने के लिए दोषसिद्ध किया गया है; या
(प) जो कोई, बालक पर प्रवेशन लैंगिक हमला करता है और बालक को सार्वजनिक रूप से विवस्त्र करता है या नग्न करके प्रदर्शन करता है,
वह गुरुतर प्रवेशन लैंगिक हमला करता है, यह कहा जाता है।
6 पॉक्सो एक्ट – गुरुतर प्रवेशन लैंगिक हमले के लिए दण्ड –
(1) जो कोई गुरुतर प्रवेशन लैंगिक हमला करेगा, वह कठिन कारावास से, जिसकी अवधि बीस वर्ष से कम की नहीं होगी, किन्तु जो आजीवन कारावास, जिसका अभिप्राय उस व्यक्ति के शेष प्राकृत जीवनकाल के लिए कारावास होगा, तक की हो सकेगी, दण्डित किया जाएगा और जुर्माने का भी दायी होगा या मृत्यु से दण्डित किया जाएगा।
(2) उपधारा (1) के अधीन अधिरोपित जुर्माना न्यायोचित और युक्तियुक्त होगा और उसका संदाय, पीड़ित के चिकित्सा व्ययों और पुनर्वास की पूर्ति के लिए ऐसे पीड़ित को किया जाएगा।