Bare Acts

धारा 4 दहेज प्रतिषेध अधिनियम | 4 Dowry Prohibition Act in hindi

धारा 4 दहेज प्रतिषेध अधिनियम -दहेज मांगने के लिए शास्ति

यदि कोई व्यक्ति, यथास्थिति, वधू या वर के माता-पिता या अन्य नातेदार या संरक्षक, से किसी दहेज की प्रत्यक्ष रूप से या अप्रत्यक्ष रूप से मांग करेगा तो वह कारावास से, जिसकी अवधि छह मास से कम की नहीं होगी, किन्तु दो वर्ष तक की हो सकेगी और जुर्माने से जो दस हजार रुपए तक का हो सकेगा, दण्डनीय होगा :
परन्तु न्यायालय ऐसे पर्याप्त और विशेष कारणों से, जो निर्णय में उल्लिखित किए जाएंगे, छह मास से कम की किसी अवधि के कारावास का दण्डादेश अधिरोपित कर सकेगा।


4 Dowry Prohibition Act –Penalty for demanding dowry

If any person demands, directly or indirectly, from the parents
or other relatives or guardian of a bride or bridegroom, as the case may be, any dowry, he shall be punishable with imprisonment for a term which shall not be less than six months, but which may extend to two years and with fine which may extend to ten thousand rupees:
Provided that the Court may, for adequate and special reasons to be mentioned in the judgment, impose a sentence of imprisonment for a term of less than six months.

धारा 4 दहेज प्रतिषेध अधिनियम धारा 4 दहेज प्रतिषेध अधिनियम