Bare Acts

धारा 25 आर्म्स एक्ट | धारा 25 आयुध अधिनियम | 25 Arms Act in hindi

धारा 25 आर्म्स एक्ट – कुछ अपराधों के लिए दंड

(1) जो कोई –

(क) धारा 5 के उल्लंघन में, किन्हीं आयुधों या गोला-बारूद का विनिर्माण,अभिप्राप्त,उपाप्त, विक्रय, अन्तरण, संपरिवर्तन, मरम्मत, परख या परिसिद्धि करेगा, या उसे विक्रय या अन्तरण के लिए अभिदर्शित या प्रस्थापित करेगा या विक्रय, अन्तरण, संपरिवर्तन, मरम्मत, परख या परिसिद्धि के लिए अपने कब्जे में रखेगा ; अथवा

(ख) धारा 6 के उल्लंघन में, किसी अग्न्यायुध की नाल को छोटी करेगा या नकली अग्न्यायुध को अग्न्यायुध में संपरिवर्तित या आयुध नियम 2016 में उल्लिखित अग्न्यायुधों के किसी प्रवर्ग से अग्न्यायुधों के किसी अन्य प्रवर्ग में संपरिवर्तित करेगा ; अथवा

(घ) धारा 11 के उल्लंघन में, किसी भी वर्ग या वर्णन के किन्हीं आयुधों या गोला-बारूद को भारत में लाएगा या भारत के बाहर ले जाएगा;

वह कारावास से जिसकी अवधि सात वर्ष से कम की नहीं होगी, किन्तु जो आजीवन कारावास तक की हो सकेगी, दंडनीय होगा और जुर्माने से भी दंडनीय होगा ।

(1क) जो कोई धारा 7 के उल्लंघन में किन्हीं प्रतिषिद्ध आयुधों या प्रतिषिद्ध गोला-बारूद को अर्जित करेगा, अपने कब्जे में रखेगा या लेकर चलेगा, वह कारावास से दंड का भागी होगा, जिसकी अवधि सात वर्ष से कम की नहीं होगी, किन्तु जो 14 वर्ष तक की हो सकेगी, दंडनीय होगा और जुर्माने से भी दण्डनीय होगा;

परंतु न्यायालय, निर्णय में लेखबध्द किए जाने वाले किन्ही पर्याप्त और विशेष कारणों से, 7 वर्ष से कम की अवधि के कारावास का कोई दंड अधिरोपित कर सकेगा।

(1कख) जो कोई बल का प्रयोग करके पुलिस या सशस्त्र बलों से अग्न्यायुध छीन लेता है, ऐसे कारावास से दंडनीय होगा, जिसकी अवधि 10 वर्ष से कम की नहीं होगी, किंतु जो आजीवन कारावास तक की हो सकेगी और जुर्माने का भी दायी होगा।

(1कक) जो कोई विनिर्मित करेगा ,बेचेगा ,अंतरित करेगा ,संपरिवर्तित करेगा या उसकी मरम्मत, परख या परिसिद्धि करेगा या विक्रय या अन्तरण के लिए अभिदर्शित या प्रस्थापित करेगा या उसे विक्रय, अन्तरण, संपरिवर्तन, मरम्मत, परख या परिसिद्धि के लिए अपने कब्जे में रखेगा, धारा 7 के उल्लंघन में प्रतिषिद्ध आयुधों या गोला-बारूद को तो वह कारावास से दंड का भागी होगा , जो दस वर्ष से कम नहीं होगा, परन्तु जो आजीवन कारावास तक बढ़ाया जा सकता है और साथ ही अर्थ दंड हेतु भी उत्तरदायी होगा ।

(1ककक) जो कोई किन्हीं आयुधों या गोला-बारूद को धारा 24क के अधीन जारी की गई अधिसूचना के उल्लंघन में अपने कब्जे में रखेगा या धारा 24ख के अधीन जारी की गई अधिसूचना के उल्लंघन में लेकर चलेगा अथवा अन्यथा अपने कब्जे में रखेगा, वह कारावास से जिसकी अवधि तीन वर्ष से कम की नहीं होगी किन्तु जो सात वर्ष तक की हो सकेगी, दंडनीय होगा और जुर्माने से भी दंडनीय होगा ।

(1ख) जो कोई –

(क) धारा 3 के उल्लंघन में, कोई अग्न्यायुध या गोला-बारूद अर्जित करेगा, अपने कब्जे में रखेगा या लेकर चलेगा ; अथवा

(ख) धारा 4 के अधीन अधिसूचना द्वारा विनिर्दिष्ट किसी स्थान में, ऐसे वर्ग या वर्णन के, जो उस अधिसूचना में विनिर्दिष्ट कर दिया गया है, कोई आयुध उस धारा के उल्लंघन में अर्जित करेगा, अपने कब्जे में रखेगा या लेकर चलेगा ; अथवा

(ग) किसी ऐसे अग्न्यायुध का विक्रय या अन्तरण करेगा, जिस पर निर्माता का नाम, विनिर्माता संख्यांक या अन्य पहचान चिन्ह मुद्रांकित या धारा 8 की उपधारा (2) द्वारा अपेक्षित रीति से उस पर अन्यथा दर्शित न हो, या उस धारा की उपधारा (1) के उल्लंघन में कोई भी कार्य करेगा ; अथवा

(घ) ऐसा व्यक्ति होते हुए जिसे धारा 9 की उपधारा (1) के खण्ड (क) का उपखण्ड (ii) या उपखंड (iii) लागू होता है, किसी अग्न्यायुध या गोला-बारूद को उस धारा के उल्लंघन में अर्जित करेगा, अपने कब्जे में रखेगा या लेकर चलेगा ; अथवा

(डः) धारा 9 की उपधारा (1) के खण्ड (ख) के उल्लंघन में, किसी अग्न्यायुध या गोला-बारूद का विक्रय या अन्तरण या संपरिवर्तन, मरम्मत, परख या परिसिद्धि करेगा ; अथवा

(च) धारा 10 के उल्लंघन में किन्हीं आयुधों या गोला-बारूद को भारत में लाएगा या भारत से बाहर ले जाएगा ; अथवा

(छ) धारा 12 के उल्लंघन में, किन्हीं आयुधों या गोला-बारूद का परिवहन करेगा; अथवा

(ज) आयुधों या गोला-बारूद को धारा 3 की उपधारा (2) या धारा 21 की उपधारा (1) द्वारा अपेक्षित रूप में निक्षिप्त करने में असफल रहेगा ; अथवा

(झ) आयुधों या गोला-बारूद का विनिर्माता या व्यौहारी होते हुए, धारा 44 के अधीन बनाए गए नियमों द्वारा ऐसा करने की अपेक्षा की जाने पर, अभिलेख या लेखा रखने में या उसमें ऐसी सब प्रविष्टियां करने में, जैसी ऐसे नियमों द्वारा अपेक्षित हैं, असफल रहेगा या उसमें साशय मिथ्या प्रविष्टि करेगा या ऐसे अभिलेख या लेखे का निरीक्षण किए जाने से या उसमें से प्रविष्टियों की प्रतिलिपियां बनाई जाने से रोकेगा या उसमें बाधा पहुंचाएगा या किन्हीं ऐसे परिसरों या अन्य स्थान में, जहां अग्न्यायुध विनिर्मित किए या रखे जाते हैं, या गोला-बारूद विनिर्मित किया जाता है या रखा जाता है, प्रवेश करने से रोकेगा या बाधा पहुंचाएगा या ऐसे आयुधों का गोला-बारूद को प्रदर्शित करने में साशय असफल रहेगा या उन्हें या उसे छिपाएगा या वह स्थान जहां वे विनिर्मित किए जाते हैं या रखे जाते हैं या वह विनिर्मित किया जाता है, या रखा जाता है, बताने से इन्कार करेगा,

वह कारावास से, जिसकी अवधि दो वर्ष से कम नहीं होगी, किन्तु जो पांच वर्ष तक की हो सकेगी, दण्डनीय होगा तथा जुर्माने से भी दण्डनीय होगा :

परन्तु न्यायालय किन्हीं पर्याप्त और विशेष कारणों से, जो निर्णय में अभिलिखित किए जाएंगे, कारावास का जिसकी अवधि दो वर्ष से कम होगी, दण्डादेश अधिरोपित कर सकेगा ।

(1ग) उपधारा (1ख) में किसी बात के होते हुए भी, जो कोई किसी विक्षुब्ध क्षेत्र में उस उपधारा के अधीन दण्डनीय कोई अपराध करेगा, वह कारावास से, जिसकी अवधि तीन वर्ष से कम की नहीं होगी ,किन्तु सात वर्ष तक की हो सकेगी, और जुर्माने से भी, दण्डनीय होगा ।

स्पष्टीकरण – इस धारा के प्रयोजनों के लिए, “विक्षुब्ध क्षेत्र” से कोई क्षेत्र अभिप्रेत है, जो उपद्रव को दबाने के लिए तथा लोक व्यवस्था को बहाल करने और बनाए रखने के लिए उपबन्ध करने वाली तत्समय प्रवृत्त किसी अधिनियमिति के अधीन विक्षुब्ध क्षेत्र के रूप में घोषित किया जाता है और इसके अन्तर्गत कोई ऐसा क्षेत्र है, जो धारा 24क या धारा 24ख के अधीन, अधिसूचना द्वारा विनिर्दिष्ट किया जाता है ।

(2) जो कोई ऐसा व्यक्ति होते हुए, जिसे धारा 9 की उपधारा (1) के खंड (क) का उपखंड (i) लागू होता है उस धारा के उल्लंघन में कोई अग्न्यायुध या गोला-बारूद अर्जित करेगा या अपने कब्जे में रखेगा या वहन करेगा वह कारावास से, जिसकी अवधि एक वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दण्डनीय होगा ।

(3) जो कोई किसी अग्न्यायुध, गोला-बारूद या अन्य आयुधों का, धारा 5 की उपधारा (2) के परन्तुक के खंड (क) या खंड (ख) के उपबंधों के उल्लंघन में, विक्रय या अन्तरण-

(i) अधकारिता रखने वाले जिला मजिस्ट्रेट की या निकटतम पुलिस थाने के भारसाधक अधिकारी को उस अग्न्यायुध, गोला-बरूद या अन्य आयुधों के आशयित विक्रय या अन्तरण की इत्तिला दिए बिना ; अथवा

(ii) ऐसे जिला मजिस्ट्रेट या पुलिस थाने के भारसाधक अधिकारी को ऐसी इत्तिला दी जाने की तारीख से पैंतालीस दिन की अवधि के अवसान के पहले, करेगा, वह कारावास से, जिसकी अवधि छह मास तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, जो 500 रुपए तक का हो सकेगा, या दोनों से, दण्डनीय होगा ।

(4) जो कोई अनुनज्ञप्ति में विनिर्दिष्ट शर्तों में फेरफार करने के प्रयोजन से धारा 17 की उपधारा (1) के अधीन अनुज्ञप्ति परिदत्त करने के लिए अनुज्ञापन प्राधिकारी द्वारा अपेक्षित होने पर वैसा करने में असफल रहेगा या अनुज्ञप्ति के निलम्बन या प्रतिसंहरण पर उस धारा की उपधारा (10) के अधीन समुचित प्राधिकारी को अनुज्ञप्ति अभ्यर्पित करने में असफल रहेगा, वह कारावास से, जिसकी अवधि छह मास तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, जिसकी रकम पांच सौ रुपए तक हो सकेगी, या दोनों से, दण्डनीय होगा ।

(5) जो कोई अपना नाम और पता देने के लिए धारा 19 के अधीन अपेक्षित होने पर, ऐसा नाम और पता देने से इन्कार करेगा या ऐसा नाम या पता देगा, जो तत्पश्चात्‌ मिथ्या निकले, वह कारावास से, जिसकी अवधि छह मास तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, जिसकी रकम दो सौ रुपए तक हो सकेगी, या दोनों से, दण्डनीय होगा ।

6. यदि किसी संगठित अपराध संघ का कोई सदस्य या उसकी ओर से कोई भी व्यक्ति किसी भी समय अध्याय 2 के किसी उपबंध के उल्लंघन में, कोई आयुध या गोला -बारूद अपने कब्जे में रखता है या लेकर चलता है, तो वह ऐसे कारावास से, जिसकी अवधि दस वर्ष से कम की नहीं होगी, किंतु जो आजीवन कारावास तक की हो सकेगी, दंडनीय होगा और जुर्माने का भी दायी होगा।

7. जो कोई, किसी संगठित अपराध संघ के किसी सदस्य की ओर से या कोई व्यक्ति उसकी ओर से:-

(i) धारा 5 के उल्लंघन में किसी आयुध या गोला -बारूद का विनिर्माण करता है, उसे अभिप्राप्त करता है, उपाप्त करता है, उसका विक्रय करता है, अंतरण करता है, उसको संपरिवर्तित करता है, उसकी मरम्मत करता है, उसकी परख करता है या उसे परिसिद्ध करता है या अभिदर्शित करता है या विक्रय या अंतरण, संपरिवर्तन, मरम्मत, परख या परिसिद्धि के लिए प्रस्थापित करता है; या

(ii) धारा 6 के उल्लंघन में किसी अग्न्यायुध की बैरल को छोटा करता है या किसी नकली अग्न्यायुध को अग्न्यायुध में संपरिवर्तित करता है या आयुध नियम, 2016 में उल्लिखित किसी प्रवर्ग के अग्न्यायुध को किसी अन्य प्रवर्ग के अग्न्यायुध में संपरिवर्तित करता है; या

(iii) धारा 11 के उल्लंघन में किसी वर्ग या भांति के किसी भी आयुध या गोला -बारूद को भारत में लाता है या भारत से बाहर ले जाता है,

तो वह ऐसे कारावास से, जिसकी अवधि दस वर्ष से कम की नहीं होगी, किंतु जो आजीवन कारावास तक की हो सकेगी, दंडनीय होगा और जुर्माने का भी दायी होगा।

स्पष्टीकरण – उपधारा (6) और उपधारा (7) के प्रयोजनों के लिए, –

(क) “संगठित अपराध” से किसी व्यक्ति द्वारा अकेले या सामूहिक रूप से, किसी संगठित अपराध संघ के सदस्य के रूप में या ऐसे संघ की ओर से हिंसा या हिंसा की धमकी या अभीत्रास या प्रपीड़न या अन्य विधि -विरुद्ध साधनों का प्रयोग करके, धनीय फायदे प्राप्त करने या स्वयं के लिए या किसी व्यक्ति के लिए असम्यक् आर्थिक या अन्य लाभ प्राप्त करने के उद्देश्य से, कोई भी निरंतर विधि -विरुद्ध क्रियाकलाप अभिप्रेत है;

(ख) “संगठित अपराध संघ” से दो या अधिक व्यक्तियों का ऐसा समूह अभिप्रेत है, जो किसी संघ या गैंग के रूप में अकेले या सामूहिक रूप से किसी संगठित अपराध के क्रियाकलापों में लिप्त होते हैं।

(8) जो कोई धारा (3), धारा (5), धारा (6), धारा (7) और धारा (11) के उल्लंघन में अग्न्यायुध और गोला -बारूद के अवैध व्यापार में सम्मिलित है या उसमें सहायता करता है, तो वह ऐसे कारावास से, जिसकी अवधि दस वर्ष से कम की नहीं होगी, किंतु जो आजीवन कारावास तक की हो सकेगी, दंडनीय होगा और जुर्माने का भी दायी होगा।

स्पष्टीकरण – इस उपधारा के प्रयोजनों के लिए, “अवैध व्यापार” से भारत के राज्यक्षेत्र में, उससे या उसके भीतर अग्न्यायुध गोला -बारूद का आयात, निर्यात, अर्जन, विक्रय, परिदान, संचलन या अंतरण अभिप्रेत है, यदि अग्न्यायुध या गोला -बारूद इस अधिनियम के उपबंधों के अनुसार चिन्हित नहीं है या जिनका इस अधिनियम के उपबंधो के उल्लंघन में दुर्व्यवहार किया गया है, जिसके अंतर्गत तस्करी किए गए, विदेश में बने अग्न्यायुध या प्रतिषिद्ध आयुध और प्रतिषिद्ध गोला -बारूद भी है।

(9) जो कोई उतावलेपन या उपेक्षा से कोई अनुष्ठानिक  गोलाबारी का उपयोग करेगा, जिससे मानव जीवन या किन्हीं अन्य की वैयक्तिक सुरक्षा संकटापन्न हो जाए, वह कारावास से, जिसकी अवधि 2 वर्ष तक की हो सकेगी या जुर्माने से, जो 1 लाख रुपए तक का हो सकेगा या दोनों से दंडनीय होगा।

स्पष्टीकरण – इस उपधारा के प्रयोजनों के लिए “अनुष्ठानिक गोलाबारी”  जन सभाओं, धार्मिक स्थानों, विवाह समारोहों या अन्य उत्सवों में गोलाबारी करने के लिए अग्न्यायुध का प्रयोग करना अभिप्रेत है।


25 Arms Act- Punishment for certain offences

(1) Whoever—

(a) manufactures, sells, transfers, converts, repairs, tests or proves, or exposes or offers for sale or transfer, or has in his possession for sale, transfer, conversion, repair, test or proof, any arms or ammunition in contravention of section 5; or

(b) shortens the barrel of a firearm or converts an imitation firearm into a firearm in contravention of section 6; or

(d) brings into, or takes out of, India, any arms or ammunition of any class or description in contravention of section 11,

shall be punishable with imprisonment for a term which shall not be less than three years but which may extend to seven years and shall also be liable to fine.

(1A) Whoever acquires, has in his possession or carries any prohibited arms or prohibited ammunition in contravention of section 7 shall be punishable with imprisonment for a term which shall not be less than five years, but which may extend to ten years and shall also be liable to fine.

(1AA) whoever manufactures, sells, transfers, converts, repairs, tests or proves, or exposes or offers for sale or transfer or has in his possession for sale, transfer, conversion, repair, test or proof, any prohibited arms or prohibited ammunition in contravention of section 7 shall be punishable with imprisonment for a term which shall not be less than seven years but which may extend to imprisonment for life and shall also be liable to fine.

(1AAA) Whoever has in contravention of a notification issued under section 24A in his possession or in contravention of a notification issued under section 24B carries or otherwise has in his possession, any arms or ammunition shall be punishable with imprisonment for a term which shall not be less than 2 [three years, but which may extend to seven years] and shall also be liable to fine.

(1B) Whoever—

(a) acquires, has in his possession or carries any firearm or ammunition in contravention of section 3; or

(b) acquires, has in his possession or carries in any place specified by notification under section 4 any arms of such class or description as has been specified in that notification in contravention of that section; or

(c) sells or transfers any firearm which does not bear the name of the maker, manufacturer’s number or other identification mark stamped or otherwise shown thereon as required by sub-section (2) of section 8 or does any act in contravention of sub-section (1) of that section; or

(d) being a person to whom sub-clause (ii) or sub-clause (iii) of clause (a) of sub-section (1) of section 9 applies, acquires, has in his possession or carries any firearm or ammunition in contravention of that section; or

(e) sells or transfers, or converts, repairs, tests or proves any firearm or ammunition in contravention of clause (b) of sub-section (1) of section 9; or

(f) brings into, or takes out of, India, any arms or ammunition in contravention of section 10; or

(g) transports any arms or ammunition in contravention of section 12; or

(h) fails to deposit arms or ammunition as required by sub-section (2) of section 3, or sub-section (1) of section 21; or

(i) being a manufacturer of, or dealer in, arms or ammunition, fails, on being required to do so by rules made under section 44, to maintain a record or account or to make therein all such entries as are required by such rules or intentionally makes a false entry therein or prevents or obstructs the inspection of such record or account or the making of copies of entries therefrom or prevents or obstructs the entry into any premises or other place where arms or ammunition are or is manufactured or kept or intentionally fails to exhibit or conceals such arms or ammunition or refuses to point out where the same are or is manufactured or kept,

shall be punishable with imprisonment for a term which shall not be less than one year but which may extend to three years and shall also be liable to fine:

Provided that the Court may for any adequate and special reasons to be recorded in the judgment impose a sentence of imprisonment for a term of less than one year.

(1C) Notwithstanding anything contained in sub-section (1B), whoever commits an offence punishable under that sub-section in any disturbed area shall be punishable with imprisonment for a term which shall not be less than three years but which may extend to seven years and shall also be liable to fine.

Explanation.―For the purposes of this sub-section, “disturbed area” means any area declared to be a disturbed area under any enactment, for the time being in force, making provision for the suppression of disorder and restoration and maintenance of public order, and includes any areas specified by notification under section 24A or section 24B.

(2) Whoever being a person to whom sub-clause (i) of clause (a) of sub-section (1) of section 9 applies, acquires, has in his possession or carries any firearm or ammunition in contravention of that section shall be punishable with imprisonment for a term which may extend to one year, or with fine, or with both.

(3) Whoever sells or transfers any firearm, ammunition or other arms—

(i) without informing the district magistrate having jurisdiction or the officer in charge of the nearest police station, of the intended sale or transfer of that firearm, ammunition or other arms; or

(ii) before the expiration of the period of forty-five days from the date of giving such information to such district magistrate or the officer in charge of the police station,

in contravention of the provisions of clause (a) or clause (b) of the proviso to sub-section (2) of section 5, shall be punishable with imprisonment for a term which may extend to six months, or with fine of an amount which may extend to five hundred rupees, or with both.

(4) Whoever fails to deliver-up a licence when so required by the licensing authority under sub-section (1) of section 17 for the purpose of varying the conditions specified in the licence or fails to surrender a licence to the appropriate authority under sub-section (10) of that section on its suspension or revocation shall be punishable with imprisonment for a term which may extend to six months, or with fine of an amount which may extend to five hundred rupees, or with both.

(5) Whoever, when required under section 19 to give his name and address, refuses to give such name and address or gives a name or address which subsequently transpires to be false shall be punishable with imprisonment for a term which may extend to six months, or with fine of an amount which may extend to two hundred rupees, or with both.

(6) If any member of an organised crime syndicate or any person on its behalf has at any time has in his possession or carries any arms or ammunition in contravention of any provision of Chapter II shall be punishable with imprisonment for a term which shall not be less than ten years but which may extend to imprisonment for life and shall also be liable to fine.

(7) Whoever on behalf of a member of an organised crime syndicate or a person on its behalf, —

(i) manufactures, obtains, procures, sells, transfers, converts, repairs, tests or proves, or exposes or offers for sale or transfer, conversion, repair, test or proof, any arms or ammunition in contravention of section 5; or

(ii) shortens the barrel of a firearm or converts an imitation firearm into a fire arm or converts from any category of firearms mentioned in the Arms Rules, 2016 into any other category of firearms in contravention of section 6; or

(iii) brings into, or takes out of India, any arms or ammunition of any class or description in contravention of section 11,

shall be punishable with imprisonment for a term which shall not be less than ten years but which may extend to imprisonment for life and shall also be liable to fine.

Explanation.–For the purposes of sub-sections (6) and (7),–

(a) organised crime means any continuing unlawful activity by any person, singly or collectively, either as a member of an organised crime syndicate or on behalf of such syndicate, by use of violence or threat of violence or intimidation or coercion, or other unlawful means, with the objective of gaining pecuniary benefits, or gaining undue economic or other advantage for himself or any person;

(b) organised crime syndicate means a group of two or more persons who, acting either singly or collectively, as a syndicate or gang indulge in activities of organised crime.

(8) Whoever involves in or aids in the illicit trafficking of firearms and ammunition in contravention of sections 3, 5, 6, 7 and 11 shall be punishable with imprisonment for a term which shall not be less than ten years but which may extend to imprisonment for life and shall also be liable to fine.

Explanation.–For the purposes of this sub-section, illicit trafficking means the import, export, acquisition, sale, delivery, movement or transfer of firearms and ammunition into, from or within the territory of India, if the firearms and ammunition are not marked in accordance with the provisions of this Act or are being trafficked in contravention of the provisions of this Act including smuggled firearms of foreign make or prohibited arms and prohibited ammunition.

(9) Whoever uses firearm in a rash or negligent manner or in celebratory gunfire so as to endanger human life or personal safety of others shall be punishable with an imprisonment for a term which may extend to two years, or with fine which may extend to rupees one lakh, or with both.

Explanation.–For the purposes of this sub-section, celebratory gunfire means the practice of using firearm in public gatherings, religious places, marriage parties or other functions to fire ammunition.]

धारा 25 आर्म्स एक्ट