संपत्ति अंतरण अधिनियम की धारा 1 – संक्षिप्त नाम,प्रारम्भ,विस्तार–
संक्षिप्त नाम – यह अधिनियम संपत्ति-अंतरण अधिनियम, 1882 कहा जा सकेगा। प्रारम्भ-यह जुलाई, 1882 के प्रथम दिन को प्रवृत्त होगा।
प्रारम्भ -यह जुलाई 1882 के प्रथम दिन को प्रव्रत्त होगा |
विस्तार- प्रथमतः इसका विस्तार सम्पूर्ण भारत पर है सिवाय उन राज्यक्षेत्रों के जो 1 नवम्बर, 1956 से अब्यवहित पूर्व भाग ख राज्यों में या मुम्बई, पंजाब और दिल्ली के राज्यों में समाविष्ट थे |
‘किन्तु इस अधिनियम या इसके किसी भाग का विस्तार उक्त सम्पूर्ण राज्यक्षेत्रों या उनके किसी भाग पर सम्पृक्त राज्य सरकार शासकीय राजपत्र में अधिसूचना द्वारा कर सकेगी।
और कोई भी राज्य सरकार अपने द्वारा प्रशासित राज्यक्षेत्रों के किसी भी भाग को निम्नलिखित सब उपबन्धों से या उनमें किसी से भी चाहे भूतलक्षी या चाहे भविष्यलक्षी रूप से छूट शासकीय राजपत्र में अधिसूचना द्वारा समय-समय पर दे सकेगी, अर्थात् :
धारा 54, पैरा 2 और 3, धाराएं 59, 107 और 123
इस धारा के पूर्ववर्ती भाग में किसी बात के होते हुए भी, धारा 54, पैरा 2 और 3 और धाराएं 59, 107 और 123 का विस्तार किसी ऐसे जिले या भू-भाग पर न तो होगा और न किया जाएगा, जो भारतीय रजिस्ट्रीकरण अधिनियम, 1908 (1908 का 16) के प्रवर्तन में उस अधिनियम की प्रथम धारा द्वारा प्रदत्त शक्ति के अधीन या अन्यथा तत्समय अपवर्जित हों।
Section 1 TPA -Short title ,Commencements,Extent–
“Short title ”–This Act may be called the Transfer of Property Act, 1882.
Commencements.—It shall come into force on the first day of July, 1882.
Extent.— It extends in the first instance to the whole of India. except the territories which, immediately before the 1st November, 1956, were comprised in Part B States or in the States of, Bombay, Punjab and Delhi.But this Act or any part thereof may by notification in the Official Gazette be extended to the whole or any part of the said territories by the State Government concerned.
And any State Government may, from time to time, by notification in the Official Gazette, exempt, either retrospectively or prospectively, any part of the territories administered by such State Government from all or any of the following provisions, namely:— संपत्ति अंतरण अधिनियम की धारा 1
Sections 54, paragraphs 2 and 3, 59, 107 and 123.
Notwithstanding anything in the foregoing part of this section, sections 54, paragraphs 2 and 3, 59, 107 and 123 shall not extend or be extended to any district or tract of country for the time being excluded from the operation of the Indian Registration Act, 1908 (16 of 1908)], under the power conferred by the first section of that Act or otherwise.