संपत्ति अंतरण अधिनियम की धारा 5 – संपत्ति के अंतरण” की परिभाषा-
आगामी धाराओं में, “संपत्ति के अंतरण से ऐसा कार्य अभिप्रेत है, जिसके द्वारा कोई जीवित व्यक्ति एक या अधिक अन्य जीवित व्यक्तियों को या स्वयं को अथवा स्वयं और एक या अधिक अन्य जीवित व्यक्तियों को वर्तमान में या भविष्य में सम्पत्ति हस्तान्तरित करता है और “संपत्ति का अंतरण करना” ऐसा कार्य करना है।
इस धारा में “जीवित व्यक्ति” के अन्तर्गत कम्पनी या संगम या व्यक्तियों का निकाय, चाहे वह निगमित हो या न हो, आता है, किन्तु एतस्मिन् अन्तर्विष्ट कोई भी बात कम्पनियों, संगमों या व्यक्तियों के निकायों को या के द्वारा किए जाने वाले संपत्ति-अंतरण से सम्बन्धित किसी भी तत्समय-प्रवृत्त-विधि पर प्रभाव न डालेगी |
Section 5 TPA – “Transfer of property” defined –
1In the following sections transfer of property means an act by .which a living person conveys property, in present or in future, to one or more other living persons, or to himself, 2[or it himself] and one or more other living persons; and “to transfer property” is to perform such act.
3[in this section “living person” includes a company or association or body of individuals, whether incorporated or not, but nothing herein contained shall affect any law for the time being in force relating to transfer of property to or by companies, associations or bodies of individuals.]
1. Nothing in Chapter II is to be deemed to affect any rule of Muhammandan law–see s. 2, supra
2. Ins. by Act 20 of 1929, s. 6.
3. Added by s. 6, ibid.