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संपत्ति अंतरण अधिनियम की धारा 25 | Section 25 TPA in hindi

संपत्ति अंतरण अधिनियम की धारा 25 – सशर्त अन्तरण-

सम्पत्ति-अन्तरण से सृष्ट और किसी शर्त पर निर्भर हित निष्फल हो जाता है यदि उस शर्त की पूर्ति संभव हो, या विधि द्वारा निषिद्ध हो या ऐसी कृति की हो कि यदि वह अनुज्ञात की जाए तो वह किसी विधि के उपबन्धों को विफल कर देगी या कपटपूर्ण हो, या ऐसी हो जिनमें किसी दूसरे के शरीर या सम्पत्ति को क्षति अन्तर्वलित या अन्तर्हित हो, या जिसे न्यायालय अनैतिक या लोकनीति के विरुद्ध समझता हो।

दृष्टांत

(क) ख को क कोई खेत पट्टे पर इस शर्त पर देता है कि वह एक घंटे में 100 मील पैदल चले। पट्टा शून्य है।

(ख) ख को क 500 रुपए इस शर्त पर देता है कि वह क की पुत्री ग से विवाह करे । अन्तरण की तारीख पर ग की मृत्यु हो चुकी थी। अन्तरण शून्य है।

(ग) ख को क 500 रुपए इस शर्त पर अन्तरित करता है कि वह ग की ह्त्या करे । अन्तरण शून्य है।

(घ ) क अपनी भतीजी ग को 500 रुपए इस शर्त पर अन्तरित करता है कि वह अपने पति का अभित्याग कर दे। अन्तरण शून्य है।


Section 25 TPA – Conditional transfer –

An interest created on a transfer of property and dependent upon a condition fails if the fulfilment of the condition is impossible, or is forbidden by law, or is of such a nature that, if permitted, it would defeat the provisions of any law, or is fraudulent, or involves or implies injury to the person or property of another, or the Court regards it as immoral or opposed to public policy.

Illustrations

(a) lets a farm to B on condition that he shall walk a hundred miles in an hour. The lease is void.

(b) A gives Rs. 500 to B on condition that he shall marry A’s daughter C. At the date of the transfer C was dead. The transfer is void. संपत्ति अंतरण अधिनियम की धारा 25

(c) A transfers Rs. 500 to B or. condition that she shall murder C. The transfer is void.

(d) A transfer Rs. 500 to his nece C if she will desert her husband. The transfer is void.

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