संपत्ति अंतरण अधिनियम की धारा 66 – कब्जा रखने वाले बन्धककर्ता द्वारा दुर्व्यय-
बन्धक सम्पत्ति पर कब्जा रखने वाला बन्धककर्ता सम्पत्ति का क्षय होने देने के लिए बन्धकदार के प्रति दायी नहीं होगा किन्तु वह ऐसा कोई कार्य नहीं करेगा जो सम्पत्ति के लिए विनाशक या स्थायी रूप से क्षतिपूर्ण हो यदि प्रतिभूति अपर्याप्त हो या ऐसे कार्य द्वारा अपर्याप्त कर दी जाएगी।
स्पष्टीकरण-प्रतिभूति इस धारा के अर्थ में अपर्याप्त है जब तक बन्धक-सम्पत्ति का मूल्य बन्धक पर उस समय शोध्य रकम से एक तिहाई से, या यदि वह सम्पत्ति निर्माण है तो आधे से अधिक न हो।
Section 66 TPA – Waste by mortgagor in possession –
A mortgagor in possession of the mortgaged property is not liable to the mortgagee for allowing the property to deteriorate; but he must not commit any act which is destructive or permanently injurious thereto, if the security is insufficient or will be rendered insufficient by such act.
Explanation.– A security is insufficient within the meaning of this section unless the value of the mortgaged property exceeds by one-third, or, if consisting of buildings, exceeds by one-half, the amount for the time being due on the mortgage.