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संपत्ति अंतरण अधिनियम की धारा 106 | Section 106 TPA in hindi

संपत्ति अंतरण अधिनियम की धारा 106 – लिखित संविदा अथवा स्थानीय प्रयोग की अनुपस्थिति में कुछ पट्टों की अवधि : –

(1) प्रतिकूलता के लिए अथवा स्थानीय विधि अथवा प्रयोग की अनुपस्थिति में, कृषि अथवा उत्पादन प्रयोजनों के लिए अचल संपत्ति का पट्टा छः महीनों की सूचना के द्वारा या तो पट्टे-कर्त्ता अथवा पट्टेदार की तरफ से वर्ष दर वर्ष से पट्टे के रूप में पर्यवसेय मानी जाएगी;

और किसी अन्य उद्देश्य के लिए अचल संपत्ति का पट्टा 15 दिनों की सूचना के द्वारा या तो पट्टाकर्त्ता अथवा पाट्टेदार की तरफ से महीने -दर -महीने से पट्टे के रूप में पर्यवसेय मानी जाएगी।

(2) समय के क्रियान्वयन के लिए किसी अन्य विधि में तत्समय कुछ भी, प्रभावित होने के बावजूद उपधारा (1) में वर्णित अवधि की गणना सूचना की प्राप्ति के दिनांक से प्रभावित होगी।

(3)उपधारा (1) के अंतर्गत सूचना केवल इसलिए अमान्य नहीं मानी जाएगी कि उसमें उल्लेखित अवधि उस उपधारा के अंतर्गत विनिर्दिष्ट अवधि से कम होती है, जब वाद अथवा कार्यवाही उसे उप-धारा में उल्लेखित अवधि की समाप्ति के पश्चात दायर की जाती है।

(4) धारा (1) के अंतर्गत प्रत्येक सूचना इसको देने वाले व्यक्ति द्वारा अथवा के स्थान पर हस्ताक्षरित होकर लिखित में होना चाहिए, और पक्षकार को डाक द्वारा भेजा जाना चाहिए, जिसे इसके द्वारा बाध्य करने की अपेक्षा की जाती है अथवा व्यक्तिगत तौर पर उस पक्षकार अथवा उसके परिवार के किसी सदस्य अथवा नौकर को उसके रिहायशी मकान पर दिया जाए अथवा परिदान किया जाए अथवा संपत्ति के सहज दृश्य स्थान पर चिपकाया (यदि वह दिया जाना अथवा परिदान किया जाना व्यवहारिक नहीं हो) जाए।


Section 106 TPA – 1[Duration of certain leases in absence of written contract or local usage.

(1) In the absence of a contract or local law or usage to the contrary, a lease of immovable property for agricultural or manufacturing purposes shall be deemed to be a lease from year to year, terminable, on the part of either lessor or lessee, by six months’ notice; and a lease of immovable property for any other purpose shall be deemed to be a lease from month to month, terminable, on the part of either lessor or lessee, by fifteen days’ notice.

(2) Notwithstanding anything contained in any other law for the time being in force, the period mentioned in sub-section (1) shall commence from the date of receipt of notice.

(3) A notice under sub-section (1) shall not be deemed to be invalid merely because the period mentioned therein falls short of the period specified under that sub-section, where a suit or proceeding is filed after the expiry of the period mentioned in that sub-section. संपत्ति अंतरण अधिनियम की धारा 106

(4) Every notice under sub-section (1) must be in writing, signed by or on behalf of the person giving it, and either be sent by post to the party who is intended to be bound by it or be tendered or delivered personally to such party, or to one of his family or servants at his residence, or (if such tender or delivery is not practicable) affixed to a conspicuous part of the property.] संपत्ति अंतरण अधिनियम की धारा 106


1. Subs. by Act 3 of 2003, s. 2, for section 106 (w.e.f. 31-12-2002).

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