संपत्ति अंतरण अधिनियम की धारा 114 – भाटक का संदाय न करने के कारण समपहरण से मुक्ति–
जहां कि स्थावर सम्पत्ति के पट्टे का पर्यवसान भाटक न देने के समपहरण द्वारा हो गया है और पट्टाकर्ता पट्टेदार को बेदखल करने के लिए वाद लाता है वहां यदि वाद की सुनवाई में पट्टेदार पट्टाकर्ता को बकाया भाटक उस पर ब्याज सहित और वाद के उसके पूरे खर्चे दे देता है या निविदत्त करता है या ऐसी प्रतिभूति दे देता है, जिससे न्यायालय ऐसा संदाय पन्द्रह दिन में किए जाने के लिए पर्याप्त समझता है, तो न्यायालय बेदखली के लिए डिक्री देने के बदले पट्टेदार को समपहरण से मुक्ति देने का आदेश दे सकेगा और तदुपरि पट्टेदार पट्टाकृत सम्पत्ति को ऐसे धारित करेगा मानो समपहरण हुआ ही नहीं था।
Section 114 TPA – Relief against forfeiture for non-payment of rent –
Where a lease of immovable property has determined by forfeiture for non-payment of rent, and the lessor sues to eject the lessee, if, at the hearing of the suit, the lessee pays or tenders to the lessor the rent in arrear, together with interest thereon and his full costs of the suit, or gives such security as the Court thinks sufficient for making such payment within fifteen days, the Court may, in lieu of making a decree for ejectment, pass an order relieving the lessee against the forfeiture; and thereupon the lessee shall hold the property leased as if the forfeiture had not occurred.