धारा 85B भारतीय साक्ष्य अधिनियम – इलेक्ट्रानिक अभिलेखों और इलेक्ट्रानिक चिह्नक के बारे में उपधारणा —
(1) किन्हीं ऐसी कार्यवाहियों में, जिनमें सुरक्षित इलेक्ट्रानिक अभिलेख अंतर्वलित हैं, जब तक कि इसके प्रतिकूल साबित नहीं कर दिया जाता, न्यायालय यह उपधारित करेगा कि सुरक्षित इलेक्ट्रानिक अभिलेख किसी ऐसे विनिर्दिष्ट समय से, जिससे सुरक्षित प्रास्थिति संबंधित है, परिवर्तित नहीं किया गया है।
(2) किन्हीं ऐसी कार्यवाहियों में, जिनमें सुरक्षित इलेक्ट्रानिक चिह्नक अंतर्वलित हैं, जब तक कि इसके प्रतिकूल साबित नहीं कर दिया जाता, न्यायालय यह उपधारित करेगा कि :-
(क) उपयोगकर्ता द्वारा सुरक्षित इलेक्ट्रानिक चिह्नक इलेक्ट्रानिक अभिलेख को चिह्नित या अनुमोदित करने के आशय से लगाया गया है;
(ख) सुरक्षित इलेक्ट्रानिक अभिलेख या सुरक्षित इलेक्ट्रानिक चिह्नक की दशा में के सिवाय, इस धारा की कोई बात इलेक्ट्रानिक अभिलेख या इलेक्ट्रानिक चिह्नक की अधिप्रमाणिकता और समग्रता से संबंधित कोई उपधारणा सृजित नहीं करेगी।
Section 85B Indian Evidence Act – Presumption as to electronic records and electronic signatures —
(1) In any proceedings involving a secure electronic record, the Court shall presume unless contrary is proved, that the secure electronic record has not been altered since the specific point of time to which the secure status relates.
(2) In any proceedings, involving secure digital signature, the Court shall presume unless the contrary is proved that —
(a) the secure 1[electronic signature] is affixed by subscriber with the intention of signing or approving the electronic record;
(b) except in the case of a secure electronic record or a secure 1[electronic signature], nothing in this section shall cerate any presumption, relating to authenticity and integrity of the electronic record or any 1[electronic signature].
1. Subs by Act 10 of 2009, s. 52(e), for “digital signature” (w.e.f. 27-10-2009).