धारा 111 भारतीय साक्ष्य अधिनियम – उन संव्यवहारों में सद्भाव का साबित किया जाना जिनमें एक पक्षकार का संबंध सक्रिय विश्वास का है —
जहां कि उन पक्षकारों के बीच के संव्यवहार के सदभाव के बारे में प्रश्न है, जिनमें से एक-दूसरे के प्रति सक्रिय विश्वास की स्थिति में हैं, वहां उस संव्यवहार के सद्भाव को साबित करने का भार उस पक्षकार पर है जो सक्रिय विश्वास की स्थिति में है।
दृष्टांत
(क) कक्षीकार द्वारा अटर्नी के पक्ष में किये गए विक्रय का सद्भाव कक्षीकार द्वारा लाए गए वाद में प्रश्नगत है। संव्यवहार का सद्भाव साबित करने का भार अटर्नी पर है।
(ख) पुत्र द्वारा, जो कि हाल ही में प्राप्तवय हुआ है, पिता को किए गए किसी विक्रय का सद्भाव पुत्र द्वारा लाए गए वाद में प्रश्नगत है। संव्यवहार के सद्भाव को साबित करने का भार पिता पर है।
Section 111 Indian Evidence Act – Proof of good faith in transactions where one party is in relation of active confidence –
Where there is a question as to the good faith of a transaction between parties, one of whom stands to the other in a position of active confidence, the burden of proving the good faith of the transaction is on the party who is in a position of active confidence.
Illustrations
(a) The good faith of a sale by a client to an attorney is in question in a suit brought by the client. The burden of proving the good faith of the transaction is on the attorney.
(b) The good faith of a sale by a son just come of age to a father is in question in a suit brought by the son. The burden of proving the good faith of the transaction is on the father.