धारा 66 एनडीपीएस एक्ट — कुछ मामलों में दस्तावेजों के बारे में उपधारणा –
जहां कोई दस्तावेज-
(i) इस अधिनियम या किसी अन्य विधि के अधीन किसी व्यक्ति द्वारा पेश की जाती है या दी जाती है अथवा किसी व्यक्ति की अभिरक्षा या नियंत्रण में से अभिगृहीत की जाती है दोनों मामलों में; या
(ii) इस अधिनियम के अधीन किसी अपराध के, जिसका किसी व्यक्ति द्वारा किया जाना अभिकथित है, अन्वेषण के अनुक्रम में भारत से बाहर किसी स्थान से (ऐसे प्राधिकरण या व्यक्ति द्वारा और ऐसी रीति से, जो कन्द्रीय सरकार द्वारा विहित की जाए, सम्यक् रूप से अधिप्रमाणित रूप में) प्राप्त की जानी है,
और ऐसी दस्तावेज इस अधिनियम के अधीन किसी अभियोजन में उसके विरुद्ध या उसके और ऐसे किसी अन्य व्यक्ति के विरुद्ध जिसका उसके साथ संयुक्त रूप से विचारण किया जाता है, साक्ष्य में पेश की जाती है वहां न्यायालय-
(क) जब तक प्रतिकूल साबित नहीं कर दिया जाता है यह उपधारणा करेगी कि ऐसी दस्तावेज का, जिसका किसी विशिष्ट व्यक्ति के हस्तेलख में होना तात्पर्यित है या जिसके बारे में न्यायालय युक्तियुक्त रूप से यह धारणा करे कि वह किसी विशिष्ट व्यक्ति द्वारा हस्ताक्षरित किया गया था, हस्ताक्षर और प्रत्येक अन्य भाग उस व्यक्ति के हस्तलेख में है ; तथा निष्पादित और अनुप्रमाणित दस्तावेज की दशा में यह कि वह उस व्यक्ति द्वारा निष्पादित या अनुप्रमाणित की गई थी जिसके द्वारा उसका इस प्रकार निष्पादित या अनुप्रमाणित किया जाना तात्पर्यित है ;
(ख) किसी दस्तावेज को, यदि ऐसी दस्तावेज साक्ष्य में अन्यथा ग्राह्य है, इस बात के होते हुए भी कि वह सम्यक् रूप से स्टांपित नहीं है, साक्ष्य में ग्रहण करेगा;
(ग) खंड (i) के अन्तर्गत आने वाले किसी मामले में, जब तक कि प्रतिकूल साबित नहीं कर दिया जाता है ऐसी दस्तावेज की अंतर्वस्तु की सत्यता की भी उपधारणा करेगा ।
Section 66 NDPS Act — Presumption as to documents in certain cases —
Where any document–
(i) is produced or furnished by any person or has been seized from the custody or control of any person, in either case, under this Act or under any other law, or
(ii) has been received from any place outside India (duly authenticated by such authority or person and in such manner as may be prescribed by the Central Government) in the course of investigation of any offence under this Act alleged to have been committed by a person,
and such document is tendered in any prosecution under this Act in evidence against him, or against him and any other person who is tried jointly with him, the court shall– धारा 66 एनडीपीएस एक्ट
(a) presume, unless the contrary is proved, that the signature and every other part of such document which purports to be in the handwriting of any particular person or which the court may reason ably assume to have been signed by, or to be in the handwriting of, any particular person, is in that persons handwriting; and in the case of a document executed or attested, that it was executed or attested by the person by whom it purports to have been so executed or attested; धारा 66 एनडीपीएस एक्ट
(b) admit the document in evidence, notwithstanding that it is not duly stamped, if such document is otherwise admissible in evidence;
(c) examine any person acquainted with the facts and circumcontrary is proved, the truth of the contents of such document.