धारा 68O एनडीपीएस एक्ट — अपील-
(1) धारा 68ङ की उपधारा (1) में निर्दिष्ट कोई अधिकारी या धारा 68च, धारा 68झ, धारा 68ट की उपधारा (1) या धारा 68ठ के अधीन सक्षम प्राधिकारी द्वारा किए गए किसी आदेश से व्यथित कोई व्यक्ति, उस तारीख से जिसको आदेश उसे तामील की जाती है, पैंतालीस दिन के भीतर अपील अधिकरण को अपील कर सकेगा:
परन्तु अपील अधिकरण, पूर्वोक्त तारीख से उक्त पैंतालीस दिन की अवधि के पश्चात् किन्तु साठ दिन के अपश्चात्, अपील ग्रहण कर सकेगा यदि उसका समाधान हो जाता है कि अपीलार्थी समय से अपील फाइल न किए जाने के लिए पर्याप्त हेतुक से निवारित हुआ था ।
(2) उपधारा (1) के अधीन अपील की प्राप्ति पर, अपील अधिकरण, अपीलार्थी को सुनवाई का अवसर देने के पश्चात्, यदि वह ऐसी इच्छा करता है, और ऐसी अतिरिक्त जांच करने के पश्चात् जो वह ठीक समझे, ऐसे आदेश का , जिसके विरुद्ध अपील की गई है, पुष्ट, उपांतरित या अपास्त कर सकेगा ।
(3) अपील अधिकरण की शक्तियों का प्रयोग और कृत्यों का निर्वहन अपील अधिकरण के अध्यक्ष द्वारा गठित और तीन सदस्यों वाले न्यायपीठों द्वारा किया जा सकेगा ।
(4) उपधारा (3) में किसी बात के होते हुए भी, जहां अध्यक्ष इस धारा के अधीन अपीलों को शीघ्र निपटाने के लिए ऐसा करना आवश्यक समझता है वहां वह दो सदस्यों का न्यायपीठ गठित कर सकेगा और इस प्रकर गठित न्यायपीठ अपील अधिकरण की शक्तियों का प्रयोग और कृत्यों का निर्वहन कर सकेगा:
परंतु यदि इस प्रकार गठित न्यायपीठ के सदस्यों में किसी मुद्दे या मुद्दों पर मतभेद है तो वे उस मुद्दे या उन मुद्दों का उल्लेख करेंगे जिन पर उनमें मतभेद है और उसे या उन्हें, ऐसे मुद्दे या मुद्दों की सुनवाई के लिए (अध्यक्ष द्वारा विनिर्दिष्ट) एक तीसरे सदस्य को निर्देशित करेंगे और ऐसा मुद्दा या ऐसे मुद्दे उस सदस्य की राय के अनुसार विनिश्चित किया जाएगा या किए जाएंगे:
परन्तु यह और कि यदि अध्यक्ष की मृत्यु, त्यागपत्र के कारण या अन्यथा उसका पद रिक्त है या यदि अध्यक्ष अनुपस्थिति, बीमारी के कारण या किसी अन्य कारण से अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने में असमर्थ है तो केन्द्रीय सरकार, आदेश द्वारा किसी सदस्य को, नए अध्यक्ष की नियुक्ति किए जाने और, यथास्थिति, कार्यभार ग्रहण करने या अपने कर्तव्यों को ग्रहण करने तक, अध्यक्ष के रूप में कार्य करने के लिए नामनिर्देशित कर सकेगी ।
(5) अपील अधिकरण अपनी प्रक्रिया को स्वयं विनियमित कर सकेगा ।
(6) अपील अधिकरण को आवेदन करने पर और विहित फीस का संदाय करने पर, अधिकरण किसी अपील के पक्षकार को या ऐसे पक्षकार द्वारा उसकी ओर से प्राधिकृत किसी व्यक्ति को कार्यालय के समय के दौरान किसी भी समय, अधिकरण के सुसंगत अभिलेखों और रजिस्टरों का निरीक्षण करने के लिए और उनके किसी भाग की प्रमाणित प्रतिलिपि प्राप्त करने के लिए अनुज्ञात कर सकेगा ।
Section 68O NDPS Act — Appeals.—
(1) 2[Any officer referred to in sub-section (1) of section 68E or any person aggrieved by an order of the competent authority] made under section 68F, section 68-I, sub-section (1) of section 68K or section 68L, may, within forty-five days from the date on which the order is served on him, prefer an appeal to the Appellate Tribunal:
Provided that the Appellate Tribunal may entertain an appeal after the said period of forty-five days, but not after sixty days, from the date aforesaid if it is satisfied that the appellant was prevented by sufficient cause from filing the appeal in time. धारा 68O एनडीपीएस एक्ट
(2) On receipt of an appeal under sub-section (1), the Appellate Tribunal may, after giving an opportunity to the appellant to be heard, if he so desires, and after making such further inquiry as it deems fit, confirm, modify or set aside the order appealed against.
(3) The powers and functions of the Appellate Tribunal may be exercised and discharged by Benches consisting of three members and constituted by the Chairman of the Appellate Tribunal. धारा 68O एनडीपीएस एक्ट
(4) Notwithstanding anything contained in sub-section (3), where the Chairman considers it necessary so to do for the expeditious disposal of appeals under this section, he may constitute a Bench of two members and a Bench so constituted may exercise and discharge the powers and functions of the Appellate Tribunal:
Provided that if the members of a Bench so constituted differ on any point or points, they shall state the point or points on which they differ and refer the same to a third member (to be specified by the Chairman) for hearing of such point or points and such point or points shall be decided according to the opinion of that member. धारा 68O एनडीपीएस एक्ट
3[Provided further that if the office of the Chairman is vacant by reason of his death, resignation or otherwise, or if the Chairman is unable to discharge his duties owing to absence, illness or any other cause, the Central Government may, by order, nominate any member to act as the Chairman until a new Chairman is appointed and assumes charge or, as the case may be, resumes his duties.]
(5) The Appellate Tribunal may regulate its own procedure.
(6) On application to the Appellate Tribunal and on payment of the prescribed fee, the Tribunal may allow a party to any appeal or any person authorised in his behalf by such party to inspect at any time during office hours, any relevant records and registers of the Tribunal and obtain a certified copy of any part thereof.