सीआरपीसी की धारा 423 — जुर्माने के उद्ग्रहण के लिए किसी ऐसे राज्यक्षेत्र के न्यायालय द्वारा जिस पर इस संहिता का विस्तार नहीं है, जारी किया गया वारण्ट —
इस संहिता में या तत्समय प्रवृत्त किसी अन्य विधि में किसी बात के होते हुए भी जब किसी अपराधी को किसी ऐसे राज्यक्षेत्र के, जिस पर इस संहिता का विस्तार नहीं है किसी दण्ड न्यायालय द्वारा जुर्माना देने का दण्डादेश दिया गया है और दण्डादेश देने वाला न्यायालय ऐसी रकम को, भू-राजस्व की बकाया के तौर पर उद्गृहीत करने के लिए, उन राज्यक्षेत्रों के, जिन पर इस संहिता का विस्तार है, किसी जिले के कलेक्टर को प्राधिकृत करते हुए वारंट जारी करता है, तब ऐसा वारंट उन राज्यक्षेत्रों के, जिन पर इस संहिता का विस्तार है, किसी न्यायालय द्वारा धारा 421 की उपधारा (1) के खण्ड (ख) के अधीन जारी किया गया वारण्ट समझा जाएगा और तद्नुसार ऐसे वारण्ट के निष्पादन के बारे में उक्त धारा की उपधारा (3) के उपबंध लागू होगे।
Section 423 CrPC — Warrant for levy of fine issued by a Court in any territory to which this Code does not extend —
Notwithstanding anything contained in this Code or in any other law for the time being in force, when an offender has been sentenced to pay a fine by a Criminal Court in any territory to which this Code does not extend and the Court passing the sentence issues a warrant to the Collector of a district in the territories to which this Code extends, authorising him to realise the amount as if it were an arrear of land revenue, such warrant shall be deemed to be a warrant issued under clause (b) of sub-section (1) of section 421 by a Court in the territories to which this Code extends, and the provisions of sub-section (3) of the said section as to the execution of such warrant shall apply accordingly.