IPC की धारा 323 (Dhara 323) — स्वेच्छया उपहति कारित करने के लिए दण्ड –
उस दशा के सिवाय, जिसके लिए धारा 334 में उपबंध है, जो कोई स्वेच्छया उपहति कारित करेगा, वह दोनों में से किसी भाँति के कारावास से, जिसकी अवधि एक वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, जो एक हजार रुपये तक का हो सकेगा, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा।
अपराध का वर्गीकरण–इस धारा के अधीन अपराध, असंज्ञेय, जमानतीय, उस व्यक्ति द्वारा शमनीय जिसे उपहति कारित की गई है और कोई भी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है| |
IPC की धारा 323 के प्रमुख अवयव क्या हैं ? |
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जो कोई- 1. स्वेच्छया उपहति कारित करेगा, 2. वह दोनों में से किसी भाँति के कारावास से a. जिसकी अवधि एक वर्ष तक की हो सकेगी,या b. जुर्माने से, जो एक हजार रुपये तक का हो सकेगा, या c. दोनों से, दण्डित किया जाएगा 3. धारा 334 में उपबंध के सिवाय | |
IPC की धारा 323 से संबंधित महत्वपूर्ण केस
कोसाना रंगनायकम्मा बनाम पसुपुलाटि सुब्बम्मा, 1966
उच्च न्यायालय ने निम्नतर अदालत के आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार किया, जिसमें आरोपियों को धारा (Dhara)323 319, 321 के अंतर्गत दोषी ठहराया गया, जहां एक महिला के बालों खींचे गए । इस मामले में, महिलाओं के बालों को खींचना एक अपराध के रूप में माना गया, क्योंकि यह चोट पहुंचाने वाले हमले के कार्यों का संकेत करता है। आरोपित व्यक्ति को एक महीने की कठोर कैद और तीस रुपये का जुर्माना सुनाया गया।
भीमा बनाम महाराष्ट्र राज्य 2002 क्रि० लॉ ज० 4293 (सु० को ० ).
यह आरोपित किया गया कि लगभग 22 व्यक्तियों ने विट्ठल की हत्या करने और विट्ठल के भाई भीमराव को क्षति कारित करने, दमबलदार में वाडा क्षतिग्रस्त करने के आशय से विधि विरुद्ध जमाव गठित किया। हमला करने वालों ने लाठी से हमला किया तथा पत्थरों से जो उन्हें खेतों के पास या रास्ते में मिले पत्थरबाजी किया यह सिद्ध नहीं हो सका कि विनिर्दिष्ट रूप से किसने किस पर हमला किया। यह स्पष्ट नहीं है कि मृत्यु कारित करने का आशय था । यह बहुत संभव है कि आशय कठोरतापूर्वक मारने पीटने का रहा हो।
परिस्थितियों एवं साक्ष्य को ध्यान में रखते हुये न्यायालय ने यह अभिनिर्धारित किया कि युक्तियुक्त रूप से यह आशय निकाला जा सकता है कि सामान्य उद्देश्य भारतीय दण्ड संहिता की धारा 147/149 के साथ पठित 325 और धारा 323 के अधीन अपराध कारित करना था, न कि धारा 149 के साथ पठित धारा 302 के अधीन हत्या करना ।
IPC की धारा 323 FAQ
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धारा 323 (dhara 323) क्या है?
धारा 323 (dhara 323) – स्वेच्छया उपहति कारित करने के लिए दण्ड से संबंधित है ?
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धारा 323 (dhara 323) में कितनी सजा है ?
धारा 323 (dhara 323) में एक वर्ष तक जेल , या एक हजार रुपये तक जुर्माने या दोनों से, दण्डित किया जाएगा।
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आईपीसी की धारा 323 संज्ञेय या असंज्ञेय ?
धारा 323 असंज्ञेय अपराध की धारा है ,अर्थात् पुलिस धारा 323 के अपराध में सीधे FIR नहीं लिख सकती है I
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आईपीसी की धारा 323 किस न्यायलय द्वारा विचारणीय है ?
आईपीसी की धारा 323 कोई भी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है I जैसे
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धारा 323 (dhara 323) कब लगती है ?
जब कोई व्यक्ति अन्य व्यक्ति के साथ मार – पीट करता है I जैसे – चांटा मारना ,बाल खीचना आदि
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चांटा मारने पर कौन सी धारा लगती है ?
धारा 323 आईपीसी
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थप्पड़ (चांटा) मारने पर कितनी सजा हो सकती है ?
आईपीसी धारा 323 के अनुसार चांटा मारने पर 1 साल तक की जेल हो सकती है I
IPC Section 323 — Punishment for voluntarily causing hurt –
Whoever, except in the case provided for by section 334, voluntarily causes hurt, shall be punished with imprisonment of either description for a term which may extend to one year, or with fine which may extend to one thousand rupees, or with both.
भारतीय दण्ड संहिता के लिए महत्वपूर्ण पुस्तकें –
- भारतीय दंड संहिता,1860 – प्रो सूर्य नारायण मिश्र
- भारतीय दंड संहिता, 1860 – डॉ. बसंती लाल
- भारतीय दण्ड संहिता ( DIGLOT) [ENGLISH/HINDI] [BARE ACT]