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IPC की धारा 8 | धारा 8 भारतीय दण्ड संहिता | IPC Section 8 In Hindi

IPC की धारा 8 — लिंग —

भारतीय दंड संहिता की धारा 8 के अनुसार, पुलिंग वाचक शब्द जहां प्रयोग किए गए हैं, वे हर व्यक्ति के बारे में लागू हैं, चाहे नर हो या नारी ।


IPC की धारा 8 से संबंधित महत्वपूर्ण केस –

मुसम्मात अरीफा बीबी, 1983 क्रि० लॉ ज0
संहिता की धारा 11 व्यक्ति के अभिव्यक्ति को संबंधित करती है, जिसमें किसी कम्पनी, समुदाय या व्यक्तियों के निकाय को सम्मिलित किया जाता है, चाहे वे नियमित हों या नहीं। हालांकि, यह परिभाषा अपूर्ण साबित होती है, अर्थात् पूर्णता का अनुभव नहीं होता है। इसलिए, आईपीसी की धारा 8 और धारा 11 को साथ में पढ़ना आवश्यक होता है ताकि विधायिका के आशय को पूर्णता से समझा जा सके।

FAQ


  1. भारतीय दण्ड संहिता (IPC) की धारा 8 में किसकी परिभाषा दी गयी हैं ?

    भारतीय दंड संहिता की धारा 8 में लिंग की परिभाषा दी गयी हैंI

  2. भारतीय दण्ड संहिता (IPC) की किस धारा में लिंग की परिभाषा दी गयी हैं ?

    भारतीय दंड संहिता की धारा 8 में लिंग की परिभाषा दी गयी हैंI

  3. भारतीय दंड संहिता में लिंग की क्या परिभाषा हैं ?

    भारतीय दंड संहिता की धारा 8 के अनुसार, पुलिंग वाचक शब्द जहां प्रयोग किए गए हैं, वे हर व्यक्ति के बारे में लागू हैं, चाहे नर हो या नारी।

IPC Section 8 — Gender —

The pronoun “he” and its derivatives are used of any person, whether male or female.

भारतीय दण्ड संहिता के लिए महत्वपूर्ण पुस्तकें –

भारतीय दंड संहिता,1860 – प्रो सूर्य नारायण मिश्र

भारतीय दंड संहिता, 1860 – डॉ. बसंती लाल

भारतीय दण्ड संहिता ( DIGLOT) [ENGLISH/HINDI] [BARE ACT]

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