IPC की धारा 42 — “स्थानीय विधि” –
“स्थानीय विधि” वह विधि है जो भारत के किसी विशिष्ट भाग को ही लागू हो।
स्थानीय विधियों से वह विधि तात्पर्यित है जो कि विशिष्य क्षेत्र को लागू होती है, निम्नलिखित अधिनियम स्थानीय विधि के प्रमुख उदाहरण कहे जा सकते हैं। (क)मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता, 1959| (ख)कलकत्ता म्युनिसिपल एक्ट, इत्यादि । (ग)मध्य प्रदेश स्थान नियंत्रण अधिनियम,1961
IPC की धारा 42 FAQ
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“स्थानीय विधि”से आप क्या समझते है?
“स्थानीय विधि” वह विधि है जो भारत के किसी विशिष्ट भाग को ही लागू हो।
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“स्थानीय विधि”की परिभाषा भारतीय दंड संहिता की किस धारा मे उपबंधित है?
IPC की धारा 42 मे
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IPC की धारा 42 क्या है?
IPC की धारा 42 के अनुसार, “स्थानीय विधि” वह विधि है जो भारत के किसी विशिष्ट भाग को ही लागू हो।
IPC Section 42 — “Local law” –
A “local law” is a law applicable only to a particular part of India
भारतीय दण्ड संहिता के लिए महत्वपूर्ण पुस्तकें –
भारतीय दंड संहिता,1860 – प्रो सूर्य नारायण मिश्र
भारतीय दंड संहिता, 1860 – डॉ. बसंती लाल
भारतीय दण्ड संहिता ( DIGLOT) [ENGLISH/HINDI] [BARE ACT]