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IPC की धारा 95 | धारा 95 भारतीय दण्ड संहिता | IPC Section 95 In Hindi

IPC की धारा 95 — तुच्छ अपहानि कारित करने वाला कार्य –

कोई बात इस कारण से अपराध नहीं है कि उससे कोई अपहानि कारित होती है या कारित की जानी आशयित है या कारित होने की संभाव्यता ज्ञात है, यदि वह इतनी तुच्छ है कि मामूली समझ और स्वभाव वाला कोई व्यक्ति उसकी शिकायत न करेगा।

धारा 95 आईपीसी के प्रमुख अवयव क्या हैं?
कोई बात अपराध नहीं है जो-
1. कोई अपहानि कारित होती है या कारित की जानी आशयित है या कारित होने की संभाव्यता ,
2. वह इतनी तुच्छ है ,
3.मामूली समझ और स्वभाव वाला कोई व्यक्ति उसकी शिकायत न करेगा|

IPC की धारा 95 से संबंधित महत्वपूर्ण केस –

इथिराजन, 1995 क्रि० लॉ ज० 816
ऐसे चेक की चोरी जिसका कि कोई आर्थिक मूल्य न हो, तो ऐसी दशा में आईपीसी (IPC) की धारा 95 लागू मानी जायेगी।
कस्याविन रावजी, (1868) 5 बी० एच० सी० (क्रि० के०) 35.
जहाँ एक व्यक्ति सरकारी बंजर जमीन पर से, वृक्ष से तुच्छ कीमत की फलियाँ इकट्ठा करता है आईपीसी (IPC) की धारा 95 लागू मानी जायेगी।
आशाराम बापू बनाम अमन सिंह डंगी, 2015 क्रि० लॉ ज0 1765 (एम0 पी0 )
यह अभिकथन किया गया कि अभियुक्त ने उस समय अपने नुकसानी परिवादी सिर पर लात मारी जब वह अभियुक्त के पक्ष को स्पर्श करने का प्रयत्न किया। चूंकि परिवादी की कारित हुई हानि तुच्छ एवं चोट भी हल्की थी इसलिए किसी शारीरिक क्षति/चोट को स्थिर न रहने के कारण, आईपीसी की धारा 95 के अधीन अपराध नहीं समझा गया।

आर0 डी0 बजाज बनाम के० पी० एस० गिल, 1995 
प्रथम सूचना रिपोर्ट में दिए गये अभिकथन धारा 354, 509 के तहत अपराध प्रकट करते हैं। महिला की लज्जा से सम्बन्धित अपराध को तुच्छ नहीं कहा जा सकता है। निर्णीत कि IPC की धारा 95 नहीं लागू होगी।
महाराष्ट्र राज्य बनाम ताहेर भाई ,1978 क्रि० लॉ ज० 820.
दो अभियुक्तों को खाद्य अपमिश्रण निवारण अधिनियम के अन्तर्गत बनाये गये नियमों के उल्लंघन में सख्त उबली चीनी की मिठाई को बेचते पाया गया है। अभियुक्तों की ओर से धारा 95 के बचाव का तर्क दिया गया। यह निर्णय दिया गया कि खाद्य अपमिश्रण निवारण अधिनियम के अन्तर्गत कारित अपराध के सम्बन्ध में आईपीसी की धारा 95 लागू नहीं होती है क्योंकि नियमों के मामूली उल्लंघन से कारित होने वाली हानि आईपीसी की धारा 95 के अन्तर्गत तुच्छ अपहानि नहीं कही जा सकती है।
भीमराव वनाम व्यंकटराव, 1964 (2) क्रि० लॉ ज0 692]
जहाँ पर एक अधिवक्ता प्रतिपरीक्षा में साक्षी के प्रति अपशब्द या भद्दे शब्द का प्रयोग करता है तो ऐसी दशा में किये गये कार्य के लिए वह आईपीसी (IPC) की धारा 95 के अधीन उन्मुक्त नहीं माना जायेगा
शिवघोला मुल्ला,(1875) 24 डब्ल्यू० आर० ( क्रि०) 67.
जहाँ तक पदच्युत सिपाही जिला पुलिस अधीक्षक के सीने पर छाते से प्रहार करता है, क्योंकि पुनः विचार करने हेतु उसके द्वारा दी गई अर्जी वापस कर दी गई थी ,आईपीसी (IPC) की धारा 95 के अधीन उन्मुक्त नहीं माना जायेगा |

IPC की धारा 95 FAQ

  1. IPC की धारा 95 किस सिद्धान्त पर आधारित है ?

    विधि तुच्छ कार्यों पर ध्यान नहीं देती।

  2. जहाँ अभियुक्त “बिना कीमत के चेक की चोरी करता है” वह किस धारा के अंतर्गत प्रतिरक्षित है?

    IPC की धारा 95 के अंतर्गत।


IPC Section 95 — Act causing slight harm –

Nothing is an offence by reason that it causes, or that it is intended to cause, or that it is known to be likely to cause, any harm, if that harm is so slight that no person of ordinary sense and temper would complain of such harm.

भारतीय दण्ड संहिता के लिए महत्वपूर्ण पुस्तकें –

भारतीय दंड संहिता,1860 – प्रो सूर्य नारायण मिश्र

भारतीय दंड संहिता, 1860 – डॉ. बसंती लाल

भारतीय दण्ड संहिता ( DIGLOT) [ENGLISH/HINDI] [BARE ACT]

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