IPC की धारा 120 — कारावास से दण्डनीय अपराध करने की परिकल्पना को छिपाना –
जो कोई उस अपराध का किया जाना, जो कारावास से दण्डनीय है, सुकर बनाने के आशय से या संभाव्यतः तद्द्वारा सुकर बनाएगा, यह जानते हुए;
ऐसे अपराध के किए जाने की परिकल्पना के अस्तित्व को किसी कार्य या अवैध लोप द्वारा स्वेच्छया छिपाएगा या ऐसी परिकल्पना के बारे में ऐसा व्यपदेशन करेगा, जिसका मिथ्या होना वह जानता है,
यदि अपराध कर दिया जाए — यदि अपराध नहीं किया जाए — यदि ऐसा अपराध कर दिया जाए, तो वह उस अपराध के लिए उपबंधित भांति के कारावास से, जिसकी अवधि ऐसे कारावास की दीर्घतम अवधि की एक चौथाई तक की हो सकेगी और यदि वह अपराध नहीं किया जाए, तो वह ऐसे कारावास से, जिसकी अवधि ऐसे कारावास की दीर्घतम अवधि के आठवें भाग तक की हो सकेगी, या ऐसे जुर्माने से, जो उस अपराध के लिए उपबंधित है, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा।
अपराध का वर्गीकरण — इस धारा के अधीन अपराध, इसके अनुसार कि दुष्प्रेरित अपराध संज्ञेय है या असंज्ञेय, संज्ञेय या असंज्ञेय होगा और इसके अनुसार कि दुष्प्रेरित अपराध जमानतीय है या अजमानतीय, जमानतीय या अजमानतीय होगा [ किन्तु यदि अपराध नहीं किया जाता है तो जमानतीय है ] और अशमनीय एवं उस न्यायालय द्वारा विचारणीय है जिसके द्वारा दुष्प्रेरित अपराध विचारणीय है l |
धारा 120 आईपीसी के प्रमुख अवयव क्या हैं? |
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IPC की धारा 120 से संबंधित महत्वपूर्ण केस –
IPC की धारा 120 FAQ
IPC Section 120 — Concealing design to commit offence punishable with imprisonment –
Whoever, intending to facilitate or knowing it to be likely that he will thereby facilitate the commission of an offence punishable with imprisonment,
voluntarily conceals, by any act or illegal omission, the existence of a design to commit such offence, or makes any representation which he knows to be false respecting such design,
If offence be committed – if offence be not committed shall, if the offence be committed, be punished with imprisonment of the description provided for the offence, for a term which may extend to one-fourth, and, if the offence be not committed, to one-eighth, of the longest term of such imprisonment, or with such fine as is provided for the offence, or with both.
भारतीय दण्ड संहिता के लिए महत्वपूर्ण पुस्तकें –
भारतीय दंड संहिता,1860 – प्रो सूर्य नारायण मिश्र
भारतीय दंड संहिता, 1860 – डॉ. बसंती लाल
भारतीय दण्ड संहिता ( DIGLOT) [ENGLISH/HINDI] [BARE ACT]