IPC की धारा 435 — सौ रुपए का या (कृषि उपज की दशा में) दस रुपए का नुकसान कारित करने के आशय से अग्नि या विस्फोटक पदार्थ द्वारा रिष्टि —
जो कोई किसी संपत्ति को, एक सौ रुपए या उससे अधिक का या (जहां कि संपत्ति कृषि उपज हो, वहां) दस रुपए या उससे अधिक का नुकसान कारित करने के आशय से, या यह संभाव्य जानते हुए कि वह तद्द्वारा ऐसा नुकसान कारित करेगा, अग्नि या किसी विस्फोटक पदार्थ द्वारा रिष्टि करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि सात वर्ष तक की हो सकेगी, दण्डित किया जाएगा और जुर्माने से भी दण्डनीय होगा।
राज्य संशोधन
मध्यप्रदेश – धारा 435 के अधीन अपराध “सत्र न्यायालय”’ द्वारा विचारणीय है।
[देखें म.प्र. अधिनियम क्रमांक 2 सन् 2008 की धारा 4। म. प्र. राजपत्र (असाधारण) दिनांक 22-2-2008 पृष्ठ 157-158 पर प्रकाशित ।]
अपराध का वर्गीकरण–इस धारा के अधीन अपराध, संज्ञेय, जमानतीय, अशमनीय, और प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है| |
IPC Section 435 — Mischief by fire or explosive substance with intent to cause damage to amount of one hundred or (in case of agricultural produce) ten rupees –
Whoever commits mischief by fire or any explosive substance intending to cause, or knowing it to be likely that he will thereby cause, damage to any property to the amount of one hundred rupees or upwards ‘[or (where the property is agricultural produce) ten rupees or upwards, shall be punished with imprisonment of either description for a term which may extend to seven years, and shall also be liable to fine.
STATE AMENDMENT
Madhya Pradesh — Offence under section 435 is triable by “Court of Session”.
[Vide Madhya Pradesh Act 2 of 2008, section 4. Published in M.P. Rajpatra (Asadharan) dated 22-2-2008 page 158-158(1).]