IPC की धारा 108A — भारत से बाहर के अपराधों का भारत में दुष्प्रेरण –
वह व्यक्ति इस संहिता के अर्थ के अन्तर्गत अपराध का दुष्प्रेरण करता है, जो भारत से बाहर और उससे परे किसी ऐसे कार्य के किए जाने का भारत में दुष्प्रेरण करता है, जो अपराध होगा, यदि भारत में किया जाए।
दृष्टांत
क,भारत में ख को, जो गोवा में विदेशी है, गोवा में हत्या करने के लिए उकसाता है। क हत्या के दुष्प्रेरण का दोषी है। गोवा अब भारत का ही भाग है|
धारा 108A आईपीसी के प्रमुख अवयव क्या हैं? |
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वह व्यक्ति 1. इस संहिता के अर्थ के अन्तर्गत अपराध का दुष्प्रेरण करता है, 2. जो भारत से बाहर और उससे परे किसी ऐसे कार्य के किए जाने का भारत में दुष्प्रेरण करता है, 3. जो अपराध होगा, 4. यदि भारत में किया जाए। |
IPC की धारा 108A FAQ
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IPC की धारा 108A क्या है?
इस संहिता के अर्थ के अन्तर्गत भारत से बाहर के अपराधों का भारत में दुष्प्रेरण
108A IPC In Hindi– Abetment in India of offences outside India –
A person abets an offence within the meaning of this Code who, in India, abets the commission of any act without and beyond India which would constitute an offence if committed in India.
Illustration –
A, in India, instigates B, a foreigner in Goa, to commit a murder in Goa. A is guilty of abetting murder.
भारतीय दण्ड संहिता के लिए महत्वपूर्ण पुस्तकें –
भारतीय दंड संहिता,1860 – प्रो सूर्य नारायण मिश्र
भारतीय दंड संहिता, 1860 – डॉ. बसंती लाल
भारतीय दण्ड संहिता ( DIGLOT) [ENGLISH/HINDI] [BARE ACT]