IPC की धारा 149 — विधिविरुद्ध जमाव का हर सदस्य, सामान्य उद्देश्य को अग्रसर करने में किए गए अपराध का दोषी –
यदि विधिविरुद्ध जमाव के किसी सदस्य द्वारा उस जमाव के सामान्य उद्देश्य को अग्रसर करने में अपराध किया जाता है, या कोई ऐसा अपराध किया जाता है, जिसका किया जाना उस जमाव के सदस्य उस उद्देश्य को अग्रसर करने में संभाव्य जानते थे, तो हर व्यक्ति, जो उस अपराध के किए जाने के समय उस जमाव का सदस्य है, उस अपराध का दोषी होगा।
अपराध का वर्गीकरण–इस धारा के अधीन अपराध, इसके अनुसार कि अपराध संज्ञेय है या असंज्ञेय ,संज्ञेय या असंज्ञेय होगा और इसके अनुसार कि अपराध जमानतीय है या अजमानतीय, जमानतीय या अजमानतीय होगा और अशमनीय और उस न्यायालय द्वारा विचारणीय है जिसके द्वारा वह अपराध विचारणीय है l |
IPC की धारा 149 के प्रमुख अवयव क्या हैं ? |
---|
IPC की धारा 149 से संबंधित महत्वपूर्ण केस
IPC की धारा 149 FAQ
IPC Section 149 — Every member of unlawful assembly guilty of offence committed in prosecution of common object –
If an offence is committed by any member of an unlawful assembly in prosecution of the common object of that assembly, or such as the members of that assembly knew to be likely to be committed in prosecution of that object, every person who, at the time of the committing of that offence, is a member of the same assembly, is guilty of that offence.
भारतीय दण्ड संहिता के लिए महत्वपूर्ण पुस्तकें –
भारतीय दंड संहिता,1860 – प्रो सूर्य नारायण मिश्र
भारतीय दंड संहिता, 1860 – डॉ. बसंती लाल
भारतीय दण्ड संहिता ( DIGLOT) [ENGLISH/HINDI] [BARE ACT]