IPC की धारा 22 — “जंगम सम्पत्ति” –
“जंगम सम्पत्ति” शब्दों से यह आशयित है कि इनके अन्तर्गत हर भाँति की मूर्त सम्पत्ति आती है, किन्तु भूमि और वे चीजें, जो भूबद्ध हों या भूबद्ध किसी चीज से स्थायी रूप से जकड़ी हुई हों, इनके अन्तर्गत नहीं आती।
IPC की धारा 22 से संबंधित महत्वपूर्ण केस
अवतार सिंह बनाम स्टेट ऑफ पंजाब, ए0 आई0 आर0 1965 सु0 को0 666
विद्युत मूर्त सम्पत्ति की कोटि में नहीं आयेगी।
कुन्हे, 1965 के0 लॉ टाइम्स 66
जब तक खड़ी हुई फसल भूमि में संलग्न रहती है, तब तक उसे जंगम सम्पत्ति नहीं कहा जा सकता है। हालांकि, जब वह फसल भूमि से अलग कर दी जाती है, तब उसे जंगम सम्पत्ति कहा जाता है।
ए0 आई0 आर0 1969 सु0 को0 40
आयकर अधिकारी द्वारा किसी आदेश का निर्धारण मूर्त सम्पत्ति की कोटि में आयेगा ।
IPC की धारा 22 FAQ
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आईपीसी की धारा की धारा 22 में किसकी परिभाषा दी गयी हैं?
“जंगम सम्पत्ति”
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“जंगम सम्पत्ति” के अंतर्गत कौन सी संपत्ति नहीं आती हैं ?
भूमि और वे चीजें, जो भूबद्ध हों या भूबद्ध किसी चीज से स्थायी रूप से जकड़ी हुई हों, इनके अन्तर्गत नहीं आती।
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“जंगम सम्पत्ति” के अंतर्गत कौन सी संपत्ति आती हैं ?
इनके अन्तर्गत हर भाँति की मूर्त सम्पत्ति आती है I
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आईपीसी की किस धारा में “जंगम सम्पत्ति” की परिभाषा दी गयी हैं?
IPC की धारा 22 में I
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आईपीसी में “जंगम सम्पत्ति” की क्या परिभाषा है?
IPC की धारा 22 के अनुसार, “जंगम सम्पत्ति” शब्दों से यह आशयित है कि इनके अंतर्गत हर भाँति की मूर्त सम्पत्ति आती है, किन्तु भूमि और वे चीजें, जो भूबद्ध हों या भूबद्ध किसी चीज से स्थायी रूप से जकड़ी हुई हों, इनके अन्तर्गत नहीं आती।
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मूर्त और अमूर्त सम्पत्ति क्या है?
मूर्त सम्पत्ति वह सम्पत्ति है जिसका इंद्रियों द्वारा अनुभव किया जा सकता है, जबकि अमूर्त सम्पत्ति वह अधिकार मात्र है, जिसका अनुभव इंद्रियों द्वारा नहीं किया जा सकता है।
IPC Section 22 — “Moveable property” –
The words “movable property” are intended to include corporeal property of every description, except land and things attached to the earth, or permanently fastened to anything which is attached to the earth.
भारतीय दण्ड संहिता के लिए महत्वपूर्ण पुस्तकें –
भारतीय दंड संहिता,1860 – प्रो सूर्य नारायण मिश्र
भारतीय दंड संहिता, 1860 – डॉ. बसंती लाल
भारतीय दण्ड संहिता ( DIGLOT) [ENGLISH/HINDI] [BARE ACT]