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IPC की धारा 25 | धारा 25 भारतीय दण्ड संहिता | IPC Section 25 In Hindi

IPC की धारा 25 — “कपटपूर्वक” –

कोई व्यक्ति किसी बात को कपटपूर्वक करता है, यह कहा जाता है, यदि वह उस बात को कपट करने के आशय से करता है, किन्तु अन्यथा नहीं।


IPC की धारा 25 से संबंधित महत्वपूर्ण केस

शंकर, इ0 लॉ रि0 4 बाम्बे 657; फतेह, इ0 लॉ रि0 5 इला0 218
पूर्णतया कपट के अपराध को केवल छल के द्वारा ही उठाया जाना अपेक्षित नहीं होगा। कपट के अपराध के लिए, किसी व्यक्ति को क्षति या हानि का अनुभव करना आवश्यक होता है, जो कपट के अपराध का महत्वपूर्ण घटक होता है।
विमला बनाम देहली प्रशासन, ए0 आई0 आर0 1963 सु० को0 1572
अभिव्यक्ति कपटपूर्वक के अन्तर्गत दो तत्व अन्तर्ग्रस्त हैं, छल तथा क्षति जो कि किसी व्यक्ति को पहुँचायी जाती है। क्षति कई रूपों में हो सकती है, यह आर्थिक तथा चल एवं अचल सम्पत्ति के अभिवचन के रूप में हो सकती है, इसके अतिरिक्त ऐसी क्षति मानव शरीर के मन, यश, ख्याति पर प्रभाव डालने वाली भी हो सकती है। यह कतिपय परिस्थितियों में गैर आर्थिक या गैर शारीरिक क्षति पहुँचाने वाली भी हो सकती है। एक लाभ जो छलकर्ता द्वारा प्राप्त किया जाता है सामान्यतया प्रायः किये गये छल के आधार पर अभिनिश्चित किया जाता है, ऐसे मामलों में जहाँ छलकर्ता कोई लाभ अभिप्राप्त करता है किन्तु तदनुरूप छल के आधार पर कोई हानि न हो तो वहाँ पर दूसरी शर्त पूर्ण मानी जायेगी।
वाई0 रेड्डी, ए0 आई0 आर0 1937 मद्रास 713; ए0 आई0 आर0 1938 पटना
 165
बेईमानी के द्वारा और कपटपूर्वक कार्य करने में एक अंतर है कि बेईमानी का उद्देश्य सीधे हानि करना होता है, जबकि कपटपूर्वक कार्य का परिणाम छल होता है। जब किसी कार्य का उद्देश्य किसी को नुकसान पहुंचाना न हो, लेकिन सीधे छल किया जाता है, जिससे संबंधित व्यक्ति को क्षति होती है, तो यह भी कपट के अपराध के आयोजन में सम्मिलित होगा।

IPC की धारा 25

  1. आईपीसी (IPC) की किस धारा में परिभाषित किया गया है?

    IPC की धारा 25 में |

  2. आईपीसी (IPC) की धारा 25 में किसकी परिभाषा दी गयी हैं?

    “कपटपूर्वक”

  3. आईपीसी में “कपटपूर्वक” की क्या परिभाषा है?

    भारतीय दंड संहिता की धारा 25 के अनुसार, कोई व्यक्ति किसी बात को कपटपूर्वक करता है, यह कहा जाता है, यदि वह उस बात को कपट करने के आशय से करता है, किन्तु अन्यथा नहीं।

  4. एक अपराध के रूप में कपटपूर्वक के कौन-कौन से अवयव है? 

    (1) धोखा या धोखा देने का आशय या कतिपय मामलों में मात्र गोपनीयता
    (2) उस धोखे या गोपनीयता के माध्यम से या तो वास्तविक या संभावित क्षति पहुँचाना या किसी व्यक्ति को वास्तविक या संभावित क्षति के लिए अभिदर्शित करना। 

IPC Section 25 — “Fraudulently” –

A person is said to do a thing fraudulently if he does that thing with intent to defraud but not otherwise.

भारतीय दण्ड संहिता के लिए महत्वपूर्ण पुस्तकें –

भारतीय दंड संहिता,1860 – प्रो सूर्य नारायण मिश्र

भारतीय दंड संहिता, 1860 – डॉ. बसंती लाल

भारतीय दण्ड संहिता ( DIGLOT) [ENGLISH/HINDI] [BARE ACT]

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