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IPC की धारा 31 | धारा 31 भारतीय दण्ड संहिता | IPC Section 31 In Hindi

IPC की धारा 31 –“विल” –

“विल” शब्द किसी भी वसीयती दस्तावेज का द्योतक है।

IPC की धारा 31 से संबंधित महत्वपूर्ण केस

लतीफ खान, (1895) 20 बम्बई 394.
भारतीय उत्तराधिकार अधिनियम, 1925 की धारा 2 (ख) "विल" को परिभाषित करती है जो इस प्रकार है, "विल वसीयतकर्ता के आशय का, उसकी सम्पत्ति के सम्बन्ध में वैधिक घोषणा है जिसे वह अपनी मृत्यु के पश्चात् कार्य रूप देना चाहता है।

IPC की धारा 31 FAQ

  1. आईपीसी (IPC) की धारा 31 क्या हैं ?

    IPC की धारा 31 में “विल” की परिभाषा दी गयी है |

  2. “विल” की परिभाषा भारतीय दण्ड संहिता (IPC) की किस धारा में दी गयी है ?

    आईपीसी (IPC) की धारा 31 में “विल” की परिभाषा दी गयी है |

  3. आईपीसी (IPC) की किस धारा में “विल” की परिभाषा दी गयी है?

    आईपीसी की धारा 31 में|

  4. आईपीसी (IPC) में “विल” की क्या परिभाषा दी गयी है ?

    आईपीसी की धारा 31 के अनुसार “विल” शब्द किसी भी वसीयती दस्तावेज़ का द्योतक है।

IPC Section 31 — “A will” –

The words “a will” denote any testamentary document.

भारतीय दण्ड संहिता के लिए महत्वपूर्ण पुस्तकें –

भारतीय दंड संहिता,1860 – प्रो सूर्य नारायण मिश्र

भारतीय दंड संहिता, 1860 – डॉ. बसंती लाल

भारतीय दण्ड संहिता ( DIGLOT) [ENGLISH/HINDI] [BARE ACT]

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