IPC की धारा 344 — दस या अधिक दिनों के लिए सदोष परिरोध –
जो कोई किसी व्यक्ति का सदोष परिरोध दस या अधिक दिनों के लिए करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि तीन वर्ष तक की हो सकेगी, दण्डित किया जाएगा और जुर्माने से भी दण्डनीय होगा।
अपराध का वर्गीकरण-– इस धारा के अधीन अपराध, संज्ञेय, जमानतीय और कोई भी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है । द.प्र. सं. (संशोधन) अधिनियम, 2008 ( क्र. 5 सन् 2009) की धारा 23 (i) द्वारा दिनांक 31-12-2009 से इस धारा के अधीन अपराध को उस व्यक्ति द्वारा शमनीय बनाया गया है जिसे परिरुद्ध किया गया है। उक्त संशोधन के पूर्व यह न्यायालय की अनुमति से उस व्यक्ति द्वारा शमनीय था जिसे परिरुद्ध किया गया है। |
IPC Section 344 — Wrongful confinement for ten or more days –
Whoever wrongfully confines any person for ten days, or more, shall be punished with imprisonment of either description for a term which may extend to three years, and shall also be liable to fine.