IPC की धारा 355 — गंभीर प्रकोपन होने से अन्यथा किसी व्यक्ति का अनादर करने के आशय से उस पर हमला या अपराधिक बल का प्रयोग –
जो कोई किसी व्यक्ति पर हमला या अपराधिक बल का प्रयोग उस व्यक्ति द्वारा गंभीर और अचानक प्रकोपन दिए जाने पर करने से अन्यथा, इस आशय से करेगा कि तद्द्वारा उसका अनादर किया जाए, वह दोनों में से किसी भाँति के कारावास से, जिसकी अवधि दो वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से दण्डित किया जाएगा।
अपराध का वर्गीकरण–इस धारा के अधीन अपराध, असंज्ञेय, जमानतीय, उस व्यक्ति द्वारा शमनीय जिस पर हमला या आपराधिक बल का प्रयोग किया गया है और कोई भी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है| |
IPC Section 355 — Assault or criminal force with intent to dishonour person, otherwise than on grave provocation –
Whoever assaults or uses criminal force to any person, intending thereby to dishonour that person, otherwise than on grave and sudden provocation given by that person, shall be punished with imprisonment of either description for a term which may extend to two years, or with fine, or with both.