IPC की धारा 366A — अप्राप्तवय लड़की का उपापन –
जो कोई अठारह वर्ष से कम आयु की अप्राप्तवय लड़की को अन्य व्यक्ति से अयुक्त संभोग करने के लिए विवश या विलुब्ध करने के आशय से या तद्द्वारा विवश या विलुब्ध किया जाएगा यह संभाव्य जानते हुए ऐसी लड़की को किसी स्थान से जाने को या कोई करने को किसी भी साधन द्वारा उत्प्रेरित करेगा, वह कारावास से जिसकी अवधि दस वर्ष तक की हो सकेगी, दण्डित किया जाएगा और जुर्माने से भी दण्डनीय होगा।
अपराध का वर्गीकरण–इस धारा के अधीन अपराध, संज्ञेय, अजमानतीय, अशमनीय और सत्र न्यायालय द्वारा विचारणीय है| |
IPC Section 366A — Procuration of minor girl —
Whoever, by any means whatsoever, induces any minor girl under the age of eighteen years to go from any place or to do any act with intent that such girl may be, or knowing that it is likely that she will be, forced or seduced to illicit intercourse with another person shall be punishable with imprisonment which may extend to ten years, and shall also be liable to fine.