IPC की धारा 382 — चोरी करने के लिए मृत्यु, उपहति या अवरोध कारित करने की तैयारी के पश्चात् चोरी –
जो कोई चोरी करने के लिए, या चोरी करने के पश्चात् निकल भागने के लिए, या चोरी द्वारा ली गई संपत्ति को रखने के लिए, किसी व्यक्ति की मृत्यु, या उसे उपहति या उसका अवरोध कारित करने की, या मृत्यु का, उपहति का या अवरोध का भय कारित करने की तैयारी करके चोरी करेगा, वह कठिन कारावास से, जिसकी अवधि दस वर्ष तक की हो सकेगी, दण्डित किया जाएगा और जुर्मान से भी दण्डनीय होगा।
दृष्टांत –
(क) य के कब्जे में की संपत्ति पर क चोरी करता है और वह चोरी करते समय अपने पास अपने वस्त्रों के भीतर एक भरी हुई पिस्तौल रखता है, जिसे उसने य द्वारा प्रतिरोध किए जाने की दशा में य को उपहति करने के लिए अपने पास रखा था। क ने इस धारा में परिभाषित अपराध किया है।
(ख) क, य की जेब काटता है, और ऐसा करने के लिए अपने कई साथियों को अपने पास इसलिए नियुक्त करता है, कि यदि य यह समझ जाए कि क्या हो रहा है और प्रतिरोध करे या क को पकड़ने का प्रयत्न करे, तो वे य का अवरोध करें | क ने इस धारा में परिभाषित अपराध किया है।
अपराध का वर्गीकरण–इस धारा के अधीन अपराध, संज्ञेय, अजमानतीय, अशमनीय और प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है| |
IPC Section 382 — Theft after preparation made for causing death, hurt or restraint in order to the committing of the theft –
Whoever commits theft, having made preparation for causing death, or hurt, or restraint, or fear of death, or of hurt, or of restraint, to any person, in order to the committing of such theft, or in order to the effecting of his escape after the committing of such theft, or in order to the retaining of property taken by such theft, shall be punished with rigorous imprisonment for a term which may extend to ten years, and shall also be liable to fine.
Illustrations –
(a) A commits theft on property in Z’s possession; and, while committing this theft, he has a loaded pistol under his garment, having provided this pistol for the purpose of hurting Z in case Z should resist. A has committed the offence defined in this section. IPC की धारा 382
(b) A picks Z’s pocket, having posted several of his companions near him, in order that they may restrain Z, if Z should perceive what is passing and should resist, or should attempt to apprehend A. A has committed the offence defined in this section.