IPC की धारा 41 — “विशेष विधि” –
“विशेष विधि” वह विधि है जो किसी विशिष्ट विषय को लागू हो।
IPC की धारा 41 से संबंधित महत्वपूर्ण केस
ए0 आई0 आर0 1939 मद्रास 21; 15 क्रि० लॉ ज0 3 ; ए0 आई0 आर0 1954 मद्रास 321
आबकारी अधिनियम, पशु अतिचार अधिनियम, अपराध विधि संशोधन अधिनियम, अफीम अधिनियम इत्यादि विशेष विधि के प्रमुख उदाहरण हैं जो कि विशेष विधि के अन्तर्गत आयेंगे।
इजाज अहमद बनाम स्टेट आफ झारखंड, 2010 क्रि० लॉ ज0 1953 (झारखंड)
कारखाने के अधिभोगी या प्रबन्धक के कार्य द्वारा उतावलेपन से उपेक्षापूर्वक कर्मकार की मृत्यु हो गयी और विशेष विधि अर्थात् कारखाना अधिनियम में कोई भी बात नहीं है जो उपरोक्त कारखाने के अधिभोगी या प्रबन्धक के कथित कार्य के लिए प्रावधान करती हो और भा० द० सं० के प्रावधान अर्थात् साधारण कानून लागू होगा।
इशाक चन्द्र पालीकार बनाम मैय्याम अतीबी तथा अन्य, 1980 क्रि० लॉ ज० (गुज0)466
'विशेष विधि" का अभिप्राय ऐसी विधि से है जो कि किन्हीं विशिष्ट विषयों पर लागू होती हो।
IPC की धारा 41 FAQ
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“विशेष विधि” से आप क्या समझते है?
“विशेष विधि” वह विधि है जो किसी विशिष्ट विषय को लागू हो।
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“विशेष विधि” का प्रावधान IPC की किस धारा मे है?
आईपीसी की धारा 41 मे
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धारा 41 क्या है ?
धारा 41 के अनुसार – “विशेष विधि” वह विधि है जो किसी विशिष्ट विषय को लागू हो।
IPC Section 41 — “Special law” –
A “special law” is a law applicable to a particular subject.
भारतीय दण्ड संहिता के लिए महत्वपूर्ण पुस्तकें –
भारतीय दंड संहिता,1860 – प्रो सूर्य नारायण मिश्र
भारतीय दंड संहिता, 1860 – डॉ. बसंती लाल
भारतीय दण्ड संहिता ( DIGLOT) [ENGLISH/HINDI] [BARE ACT]