IPC की धारा 414 — चुराई हुई संपत्ति छिपाने में सहायता करना –
जो कोई संपत्ति को छिपाने में, या व्ययनित करने में, या इधर-उधर करने में स्वेच्छया सहायता करेगा, जिसके विषय में वह यह जानता है या विश्वास करने का कारण रखता है कि वह चुराई हुई संपत्ति है, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि तीन वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा।
अपराध का वर्गीकरण–– इस धारा के अधीन अपराध, संज्ञेय, अजमानतीय और कोई भी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है । द.प्र. सं. (संशोधन) अधिनियम, 2008 ( क्र. 5 सन् 2009) की धारा 23 (i) द्वारा दिनांक 31-12-2009 से इस धारा के अधीन अपराध को चुराई गई संपत्ति के स्वामी द्वारा शमनीय बनाया गया है । उक्त संशोधन के पूर्व यह न्यायालय की अनुमति से चुराई गई संपत्ति के स्वामी द्वारा शमनीय था | |
IPC Section 414 — Assisting in concealment of stolen property –
Whoever voluntarily assists in concealing or disposing of or making away with property which he knows or has reason to believe to be stolen property, shall be punished with imprisonment of either description for a term which may extend to three years, or with fine, or with both.