IPC की धारा 424 — संपत्ति का बेईमानी से या कपटपूर्वक अपसारण या छिपाया जाना –
जो कोई बेईमानी से या कपटपूर्वक अपनी या किसी अन्य व्यक्ति की किसी संपत्ति को छिपाएगा या अपसारित करेगा, या उसके छिपाए जाने में या अपसारित किए जाने में बेईमानी से या कपटपूर्वक सहायता करेगा, या बेईमानी से किसी ऐसी मांग या दावे को, जिसका वह हकदार है, छोड़ देगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि दो वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा।
अपराध का वर्गीकरण-– इस धारा के अधीन अपराध, असंज्ञेय, जमानतीय और कोई भी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है । द.प्र. सं. (संशोधन) अधिनियम, 2008 ( क्र. 5 सन् 2009) की धारा 23 (i) द्वारा दिनांक 31-12-2009 से इस धारा के अधीन अपराध को उसके द्वारा प्रभावित व्यक्ति द्वारा शमनीय बनाया गया है। उक्त संशोधन के पूर्व यह न्यायालय की अनुमति से उसके द्वारा प्रभावित व्यक्ति द्वारा शमनीय था | |
IPC Section 424 — Dishonest or fraudulent removal or concealment of property –
Whoever dishonestly or fraudulently conceals or removes any property of himself or any other person, or dishonestly or fraudulently assists in the concealment or removal thereof, or dishonestly releases any demand or claim to which he is entitled, shall be punished with imprisonment of either description for a term which may extend to two years, or with fine, or with both.