IPC की धारा 428 — दस रुपए के मूल्य के जीवजन्तु को वध करने या उसे विकलांग करने द्वारा रिष्टि –
जो कोई दस रुपए या उससे अधिक के मूल्य के किसी जीवजन्तु या जीवजन्तुओं को वध करने, विष देने, विकलांग करने या निरुपयोगी बनाने द्वारा रिष्टि करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि दो वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दंडित किया जाएगा।
अपराध का वर्गीकरण-– इस धारा के अधीन अपराध, संज्ञेय, जमानतीय और कोई भी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है । द.प्र. सं. (संशोधन) अधिनियम, 2008 ( क्र. 5 सन् 2009) की धारा 23 (i) द्वारा दिनांक 31-12-2009 से इस धारा के अधीन अपराध को जीवजन्तु के स्वामी द्वारा शमनीय बनाया गया है। उक्त संशोधन के पूर्व यह न्यायालय की अनुमति से जीवजन्तु के स्वामी द्वारा शमनीय था | |
IPC Section 428 — Mischief by killing or maiming animal of the value of ten rupees –
Whoever commits mischief by killing, poisoning, maiming or rendering useless any animal or animals of the value of ten rupees or upwards, shall be punished with imprisonment of either description for a term which may extend to two years, or with fine, or with both.