IPC की धारा 429 — किसी मूल्य के ढोर, आदि की या पचास रुपए के मूल्य के किसी जीवजन्तु को वध करने या उसे विकलांग करने द्वारा रिष्टि –
जो कोई किसी हाथी, ऊंट, घोड़े, खच्चर, भैंस, सांड, गाय या बैल को, चाहे उसका कुछ भी मूल्य हो, या पचास रुपए या उससे अधिक मूल्य के किसी भी अन्य जीवजन्तु को वध करने, विष देने, विकलांग करने या निरुपयोगी बनाने द्वारा रिष्टि करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि पांच वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दंडित किया जाएगा।
अपराध का वर्गीकरण-– इस धारा के अधीन अपराध, संज्ञेय, जमानतीय और प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है । द.प्र. सं. (संशोधन) अधिनियम, 2008 ( क्र. 5 सन् 2009) की धारा 23 (i) द्वारा दिनांक 31-12-2009 से इस धारा के अधीन अपराध को ढोर या जीवजन्तु के स्वामी द्वारा शमनीय बनाया गया है। उक्त संशोधन के पूर्व यह न्यायालय की अनुमति से ढोर या जीवजन्तु के स्वामी द्वारा शमनीय था | |
IPC Section 429 — Mischief by killing or maiming cattle, etc., of any value or any animal of the value of fifty rupees –
Whoever commits mischief by killing, poisoning, maiming or rendering useless, any elephant, camel, horse, mule, buffalo, bull, cow or ox, whatever may be the value thereof, or any other animal of the value of fifty rupees or upwards, shall be punished with imprisonment of either description for a term which may extend to five years, or with fine, or with both.