IPC की धारा 451 — कारावास से दण्डनीय अपराध को करने के लिए गृह-अतिचार —
जो कोई कारावास से दण्डनीय कोई अपराध करने के लिए गृह-अतिचार करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि दो वर्ष तक की हो सकेगी, दण्डित किया जाएगा और जुर्माने से भी दण्डनीय होगा, तथा यदि वह अपराध, जिसका किया जाना आशयित हो, चोरी हो, तो कारावास की अवधि सात वर्ष तक की हो सकेगी।
अपराध का वर्गीकरण-– इस धारा के अधीन अपराध, संज्ञेय, जमानतीय और कोई भी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है । द.प्र. सं. (संशोधन) अधिनियम, 2008 ( क्र. 5 सन् 2009) की धारा 23 (i) द्वारा दिनांक 31-12-2009 से इस धारा के अधीन अपराध को उस व्यक्ति द्वारा शमनीय बनाया गया है जिसका उस गृह पर कब्जा है जिस पर अतिचार किया गया है। उक्त संशोधन के पूर्व यह न्यायालय की अनुमति से उस व्यक्ति द्वारा शमनीय था जिसका उस गृह पर कब्जा है जिस पर अतिचार किया गया है | यदि वह अपराध चोरी है, तो संज्ञेय, अजमानतीय, अशमनीय, और कोई भी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है| |
IPC Section 451 — House-trespass in order to commit offence punishable with imprisonment —
Whoever commits house-trespass in order to the committing of any offence punishable with imprisonment, shall be punished with imprisonment of either description for a term which may extend to two years, and shall also be liable to fine; and if the offence intended to be committed is theft, the term of the imprisonment may be extended to seven years.