IPC की धारा 457 — कारावास से दण्डनीय अपराध करने के लिए रात्रौ प्रच्छन्न गृह-अतिचार या रात्रौ गृहभेदन –
जो कोई कारावास से दण्डनीय कोई अपराध करने के लिए रात्रौ प्रच्छन्न गृह-अतिचार या रात्रौ गृह-भेदन करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि पांच वर्ष तक की हो सकेगी, दंडित किया जाएगा और जुर्माने से भी दण्डनीय होगा, तथा यदि वह अपराध जिसका किया जाना आशयित हो, चोरी हो, तो कारावास की अवधि चौदह वर्ष तक की हो सकेगी|
अपराध का वर्गीकरण–इस धारा के अधीन अपराध, संज्ञेय, अजमानतीय, अशमनीय और प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है| |
राज्य संशोघन
उत्तरप्रदेश – धारा 457 को उसकी उपधारा (1) के रूप में पुन:संख्यांकित किया जाए और इस प्रकार पुन:संख्यांकित उपधारा (1) के पश्चात् निम्नलिखित उपधारा जोड़ी जाए, अर्थात् :-
(2) जो कोई किसी इमारत में जो पूजा स्थल के रूप में उपयोग की जाती है। ऐसी इमारत से कोई मूर्ति या प्रतिमा चुराने का अपराध करने के लिए रात्रौ गृह प्रच्छन्न अतिचार या रात्रौ गृह- भेदन करता है, वह उपधारा (1) में किसी बात के होते हुए भी कठोर कारावास से, जो 3 वर्ष से कम नहीं होगा, किन्तु जिसकी अवधि 14 वर्ष तक की हो सकेगी और जुमनि से, जो पांच हजार रुपए से कम का नहीं होगा, दण्डित किया जाएगा |
परन्तु यह कि पर्याप्त और विशेष कारणों से जिनका उल्लेख निर्णय में किया जाएगा। न्यायालय 3 वर्ष से कम कारावास का दण्डादेश अधिरोपित कर सकेगा।
[देखें उत्तरप्रदेश अधिनियम संख्यांक 24 सन् 1995, धारा 11]
IPC Section 457 — Lurking house-trespass or house-breaking by night in order to commit offence punishable with imprisonment –
Whoever commits lurking house-trespass by night, or house-breaking by night, in order to the committing of any offence punishable with imprisonment, shall be punished with imprisonment of either description for a term which may extend to five years, and shall also be liable to fine; and, if the offence intended to be committed is theft, the term of the imprisonment may be extended to fourteen years.
STATE AMENDMENT
Uttar Pradesh – Section 457 shall be renumbered as sub-section (1) of that section and after sub section (1) as so renumbered, the following sub-section shall be added namely:-
“(2) Whoever commits lurking house-trespass by night or house-breaking by night in any building used as a place of worship, in order to the committing of the offence of theft of any idol or icon from such buildings, shall notwithstanding anything contained in subsection (1) be punished with rigorous imprisonment which shall not be less than three years but which may extend to fourteen years and with fine which shall not be less than five thousand rupees : IPC की धारा 457
Provided that the Court may, for adequate and special reasons to be mentioned in the judgment, impose a sentence of imprisonment for a term of less than three years.”
[Vide Uttar Pradesh Act 24 of 1995, sec. 11].