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IPC की धारा 471 | धारा 471 भारतीय दण्ड संहिता | IPC Section 471 In Hindi

IPC की धारा 471 — कूटरचित दस्तावेज या इलेक्ट्रानिक अभिलेख का असली के रूप में उपयोग में लाना —

जो कोई किसी ऐसी दस्तावेज या इलेक्ट्रानिक अभिलेख को, जिसके बारे में वह यह जानता या विश्वास करने का कारण रखता हो कि वह कूटरचित दस्तावेज या इलेक्ट्रानिक अभिलेख है, कपटपूर्वक या बेईमानी से असली के रूप में उपयोग में लाएगा, वह उसी प्रकार दण्डित किया जाएगा, मानो उसने ऐसी दस्तावेज या इलेक्ट्रानिक अभिलेख की कूटरचना की हो।

राज्य संशोधन

मध्यप्रदेश – धारा 471 के अधीन अपराध “’सत्र न्यायालय” द्वारा विचारणीय है।

[देखें म.प्र. अधिनियम क्रमांक 2 सन्‌ 2008 की धारा 4. म. प्र. राजपत्र (असाधारण ) दिनांक 22-2-2008 पृष्ठ 157-158 पर प्रकाशित ।]

अपराध का वर्गीकरण–इस धारा के अधीन अपराध, संज्ञेय, जमानतीय, अशमनीय और प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है|

IPC Section 471 — Using as genuine a forged document or electronic record –

Whoever fraudulently or dishonestly uses as genuine any document or electronic record which he knows or has reason to believe to be a forged document or electronic record, shall be punished in the same manner as if he had forged such document or electronic record.

STATE AMENDMENT

Madhya Pradesh — Offence under section 471 is triable by “Court of Session”.

[Vide Madhya Pradesh Act 2 of 2008, section 4. Published in M.P. Rajpatra (Asadharan) dated 22-2-2008 page 158-158(1).]

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