IPC की धारा 498 — विवाहिता स्त्री को आपराधिक आशय से फुसलाकर ले जाना, या ले जाना या निरुद्ध रखना –
जो कोई किसी स्त्री को, जो किसी अन्य पुरुष की पत्नी है, और जिसका अन्य पुरुष की पत्नी होना वह जानता है, या विश्वास करने का कारण रखता है, उस पुरुष के पास से, या किसी ऐसे व्यक्ति के पास से, जो उस पुरुष की ओर से उसकी देख-रेख करता है, इस आशय से ले जाएगा, या फुसलाकर ले जाएगा कि वह किसी व्यक्ति के साथ अयुक्त संभोग करे या इस आशय से ऐसी किसी स्त्री को छिपाएगा या निरुद्ध करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि दो वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों में से, दण्डित किया जाएगा।
अपराध का वर्गीकरण-– इस धारा के अधीन अपराध, असंज्ञेय, जमानतीय और कोई भी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है । द.प्र. सं. (संशोधन) अधिनियम, 2008 ( क्र. 5 सन् 2009) की धारा 23 (i) द्वारा दिनांक 31-12-2009 से इस धारा के अधीन अपराध को स्त्री के पति एवं स्त्री द्वारा शमनीय बनाया गया है। उक्त संशोधन के पूर्व यह केवल स्त्री के पति द्वारा शमनीय था | |
IPC Section 498 — Enticing or taking away or detaining with criminal intent a married woman –
Whoever takes or entices away any woman who is and whom he knows or has reason to believe to be the wife of any other man, from that man, or from any person having the care of her on behalf of that man, with intent that she may have illicit intercourse with any person, or conceals or detains with that intent any such woman, shall be punished with imprisonment of either description for a term which may extend to two years, or with fine, or with both.