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IPC की धारा 82 | धारा 82 भारतीय दण्ड संहिता | IPC Section 82 In Hindi

IPC की धारा 82 — सात वर्ष से कम आयु के शिशु का कार्य –

कोई बात अपराध नहीं है, जो सात वर्ष से कम आयु के शिशु द्वारा की जाती है।


IPC की धारा 82 के प्रमुख अवयव क्या हैं ?
कोई बात अपराध नहीं है,जो –
1.सात वर्ष से कम आयु के बालक द्वारा की जाती है।

IPC की धारा 82 से संबंधित महत्वपूर्ण केस –

मार्श बनाम लोड (1863) 14 सी० वी० एन० एस० 535.
प्रतिवादी ने एक बच्चे को अपने परिसर में लकड़ी का एक टुकड़ा चुराते हुये पकड़ा और उसे जेल में डाल दिया। चूंकि लड़का सात वर्ष से कम आयु का था अतः उसे मुक्त कर दिया गया। (आईपीसी की धारा 82 का संरक्षण मिला }
क्वीन बनाम लाखिनी अग्रदानिनी, (1974) 22 डब्ल्यू० आर० ( क्रि०) 27.
भारत में 7 वर्ष से कम आयु के शिशुओं को 'अपराध करने में अक्षम' (doli incapax) कहा जाता है, अतः उन्हें किसी अपराध के लिये दोषी नहीं ठहराया जा सकता। इस आयु का साक्ष्य मात्र ही इस बात का अन्तिम प्रमाण होगा कि शिशु निर्दोष है तथा उसके खिलाफ लगाये गये किसी आरोप का वह स्वतः एक प्रमाण होगा|
श्याम बहादुर कोरे बनाम राज्य, ए0 आई0 आर0 1967 पटना 312
सात वर्ष से कम आयु का एक बालक सोने की तश्तरी पाया किन्तु उक्त तथ्य से सम्बन्धित अधिकारी को संसूचित नहीं किया गया तो ऐसी दशा में उस बच्चे को आईपीसी की धारा 82 का संरक्षण प्रदान किया गया।

IPC की धारा 82 FAQ

  1. IPC की धारा 82 क्या है ?

    IPC की धारा 82 के अनुसार- कोई बात अपराध नहीं है जो सात वर्ष से कम आयु के शिशु द्वारा की जाती है। 

  2. 7 वर्ष से कम आयु का साक्ष्य मात्र ही इस बात का अन्तिम प्रमाण होगा कि शिशु निर्दोष है तथा उसके खिलाफ लगाये गये आरोप का वह स्वतः एक प्रमाण होगा।” यह किस वाद में धारित किया गया ?

    क्वीन बनाम लाखिनी अग्रदानिनी के प्रकरण में। 

  3. कोई बात अपराध नहीं है, जो सात वर्ष से कम आयु के शिशु द्वारा की जाती है किस धारा में कहा गया है ?

    IPC की धारा 82 में |

  4. अपराध करने में अक्षम (Doctrine of doli incapax) की कौन सी धारा है ?

    धारा 82 भारतीय दण्ड संहिता |

  5. Doli incapax का अर्थ क्या है ?

    अपराध करने में अक्षम |

IPC Section 82 — Act of a child under seven years of age –

Nothing is an offence which is done by a child under seven years of age.

भारतीय दण्ड संहिता के लिए महत्वपूर्ण पुस्तकें –

भारतीय दंड संहिता,1860 – प्रो सूर्य नारायण मिश्र

भारतीय दंड संहिता, 1860 – डॉ. बसंती लाल

भारतीय दण्ड संहिता ( DIGLOT) [ENGLISH/HINDI] [BARE ACT]

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