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धारा 12 विनिर्दिष्ट अनुतोष अधिनियम | Section 12 SRA In hindi | Section 12 Specific Relief Act

धारा 12 विनिर्दिष्ट अनुतोष अधिनियम — संविदा के भाग का विनिर्दिष्ट पालन–

(1) इस धारा में इसके पश्चात् अन्यथा उपबंधित के सिवाय, न्यायालय किसी संविदा के किसी भाग का विनिर्दिष्ट पालन निर्देशित नहीं करेगा।

(2) जहाँ किसी संविदा का कोई पक्षकार उसमें के उसके सम्पूर्ण भाग का पालन करने में असमर्थ हो किन्तु वह भाग जो अपालित रह जाना है मूल्य में पूरे भाग के अनुपात में बहुत कम हो और धन के रूप में प्रतिकर हो सकता है, तो न्यायालय, दोनों में से किसी पक्षकार के बाद पर, संविदा का उतना विनिर्दिष्ट पालन करने का निदेश दे सकेगा जितना पालन किया जा सकता है और कमी के लिये धन के रूप में प्रतिकर अधिनिर्णीत कर सकेगा ।

(3) जहाँ किसी संविदा का कोई पक्षकार उसमें के उसके सम्पूर्ण भाग का पालन करने में असमर्थ हो, और वह भाग जो अपालित रह जाना है या तो —

(क) सम्पूर्ण का कोई प्रचुर भाग हो यद्यपि धन के रूप में प्रतिकर हो सकता हो; या

(ख) धन के रूप में प्रतिकर नहीं हो सकता हो, 

तो वह विनिर्दिष्ट पालन के लिये कोई डिक्री प्राप्त करने का हकदार नहीं है किन्तु न्यायालय, दूसरे पक्षकार के वाद पर, व्यतिक्रम करने वाले पक्षकार को संविदा के उतने भाग का विनिर्दिष्टतः पालन करने का निदेश दे सकेगा जितना वह पालन कर सकता है, यदि दूसरा पक्षकार–

(i) खण्ड (क) के अधीन आने वाली किसी दशा में, उस भाग के लिये जो अपालित रह जाना है, प्रतिफल घटाकर, संविदा के सम्पूर्ण के लिये करारित प्रतिफल दे दे या दे चुका हो और खण्ड (ख) के अधीन आने वाली किसी दशा में, बिना किसी कमी के संविदा के सम्पूर्ण के लिये प्रतिफल दे दे या दे चुका हो; और

(ii) दोनों में से प्रत्येक दशा में, संविदा के बाकी भाग के पालन के रामस्त दावों और या तो कमी के लिये या प्रतिवादी के व्यतिक्रम के कारण उसके द्वारा उठाई गई हानि या नुकसान के लिये, प्रतिकर के समस्त अधिकारों को त्याग दे ।

(4) जब किसी संविदा का कोई भाग, जो उसके स्वयं के द्वारा लिया जाए, का पिनिर्दिष्टतः पालन किया जा सकता है और किया ही जाना चाहिए, उसी संविदा के अन्य भाग, जिसका विनिर्दिष्टतः पालन नहीं किया जा सकता या किया ही नहीं जाना चाहिए, से पृथक और स्वतंत्र आधार पर खड़ा हो तो न्यायालय पूर्ववर्ती भाग के विनिर्दिष्ट पालन का निदेश दे सकेगा ।

स्पष्टीकरण-– इस धारा के प्रयोजनों के लिये, किसी संविदा का कोई पक्षकार, उसमें के उसके सम्पूर्ण भाग का पालन करने में असमर्थ माना जाएगा यदि उसकी विषय-वस्तु का कोई भाग संविदा की दिनांक को विद्यमान हो, उसके पालन के समय विद्यमान न रह जाएं ।


Section 12 Specific Relief Act — Specific performance of part of contract —

(1) Except as otherwise hereinafter provided in this section, the court shall not direct the specific performance of a part of a contract.


(2) Where a party to a contract is unable to perform the whole of his part of it, but the part which must be left unperformed be a only a small proportion to the whole in value and admits of compensation in money, the court may, at the suit of either party, direct the specific performance of so much of the contract as can be performed, and award compensation in money for the deficiency.


(3) Where a party to a contract is unable to perform the whole of his part of it, and the part which must be left unperformed either–


(a) forms a considerable part of the whole, though admitting of compensation in money; or


(b) does not admit of compensation in money;


he is not entitled to obtain a decree for specific performance; but the court may, at the suit of the other party, direct the party in default to perform specifically so much of his part of the contract as he can perform, if the other party– धारा 12 विनिर्दिष्ट अनुतोष अधिनियम


(i) in a case falling under clause (a), [pays or has paid] the agreed consideration for the whole of the contract reduced by the consideration for the part which must be left unperformed and in a case falling under clause (b) 1pays or has paid the consideration for the whole of the contract without any abatement; and


(ii) in either case, relinquishes all claims to the performance of the remaining part of the contract and all right to compensation, either for the deficiency or for the loss or damage sustained by him through the default of the defendant. धारा 12 विनिर्दिष्ट अनुतोष अधिनियम


(4) When a part of a contract which, taken by itself, can and ought to be specifically performed, stands on a separate and independent footing from another part of the same contract which cannot or ought not to be specifically performed the court may direct specific performance of the former part. धारा 12 विनिर्दिष्ट अनुतोष अधिनियम



Explanation.–For the purposes of this section, a party to a contract shall be deemed to be unable to perform the whole of his part of it if a portion of its subject-matter existing at the date of the contract has ceased to exist at the time of its performance.



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