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धारा 2 महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न अधिनियम | 2 Sexual Harassment of Women at Workplace Act in hindi

धारा 2 महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न अधिनियम -परिभाषाएँ

इस अधिनियम में, जब तक संदर्भ से अन्यथा अपेक्षित न हो, –

(क) “व्यथित महिला” से अभिप्रेत है.

(i) किसी कार्यस्थल के संदर्भ में, किसी भी आयु की ऐसी महिला, जो चाहे नियोजित हो या नहीं, जो प्रत्यर्थी द्वारा लैंगिक उत्पीड़न के किसी कार्य के अध्यधीन रहने का अभिकथन करती है;

(i) किसी निवास स्थान या गृह के संदर्भ में, किसी भी आयु की ऐसी महिला जो ऐसे निवास स्थान या गृह में नियोजित हो; 

(ख) “समुचित सरकार” से निम्नलिखित अभिप्रेत है

6) ऐसे कार्यस्थल के संबंध में, जो,-

(अ) केन्द्रीय सरकार या संघ राज्यक्षेत्र प्रशासन द्वारा स्थापित, उसके स्वामित्वाधीन, नियंत्रणाधीन या प्रत्यक्ष रूप से या अप्रत्यक्ष रूप से उपलब्ध कराई गई निधियों द्वारा पूर्णतः या भागतः वित्तपोषित है, केन्द्रीय सरकार;

(आ) राज्य सरकार द्वारा स्थापित, उसके स्वामित्वाधीन, नियंत्रणाधीन या प्रत्यक्ष रूप से या अप्रत्यक्ष रूप से उपलब्ध कराई गई निधियों द्वारा पूर्णतः या भागतः वित्तपोषित है, राज्य सरकार|

(ii) खण्ड (i) के अंतर्गत न आने वाले और उसके राज्य क्षेत्र के भीतर पढ़ने वाले किसी कार्यस्थल के संबंध में, राज्य सरकार;

(ग) “अध्यक्ष” से धारा 7 की उपधारा (1) के अधीन नामनिर्दिष्ट स्थानीय परिवाद समिति का अध्यक्ष अभिप्रेत है;

(घ) “जिला अधिकारी” से धारा 5 के अधीन अधिसूचित कोई अधिकारी अभिप्रेत है; 

(ङ) “घरेलू कर्मकार” से ऐसी महिला अभिप्रेत है जो चाहे नगद या वस्तु रूप में पारिश्रमिक के लिए किसी गृह में गृह- कार्य को करने के लिए, चाहे प्रत्यक्षतः या किसी अभिकरण के माध्यम से, अस्थायी, स्थायी, अंशकालिक या पूर्णकालिक आधार पर नियोजित है, किन्तु इसमें नियोजक के परिवार का कोई सदस्य सम्मिलित नहीं है,

(च) “कर्मचारी” से ऐसा कोई व्यक्ति अभिप्रेत है, जो किसी कार्यस्थल पर किसी कार्य के संबंध में प्रत्यक्ष रूप से या किसी अभिकर्ता, जिसके अंतर्गत कोई ठेकेदार भी है, के माध्यम से प्रधान नियोजक की जानकारी से या उसके बिना नियमित, अस्थायी, तदर्थं या दैनिक मजदूरी के आधार पर, चाहे पारिश्रमिक पर या नहीं, नियोजित है या स्वेच्छिक आधार पर या अन्यथा कार्य कर रहा, चाहे नियोजन के निबंधन अभियक्त या विवक्षित हों या नहीं और इसके अंतर्गत कोई सहकर्मकार, कोई संविदा कर्मकार, परिवीक्षाधीन व्यक्ति, शिक्षु, प्रशिक्षु या किसी अन्यः ऐसे नाम से ज्ञात कोई व्यक्ति भी है; 

(छ) “नियोजक” से निम्नलिखित अभिप्रेत है, –

(i) समुचित सरकार या किसी स्थानीय प्राधिकरण के किसी विभाग, संगठन, उपक्रम, स्थापन, उद्यम, संस्था, कार्यालय, शाखा या यूनिट के संबंध में, उस विभाग, संगठन, उपक्रम, स्थापन, उद्यम, संस्था, कार्यालय, शाखा या यूनिट का प्रधान या ऐसा अन्य अधिकारी, जो, यथास्थिति, समुचित सरकार या स्थानीय प्राधिकरण द्वारा इस निमित्त आदेश द्वारा विनिर्दिष्ट किया जाए;

(ii) उपखण्ड (i) के अन्तर्गत न आने वाले किसी कार्यस्थल के संबंध में, कार्यस्थल के प्रबंध, पर्यवेक्षण और नियंत्रण के लिए उत्तरदायी कोई व्यक्ति, 

स्पष्टीकरण- इस उपखण्ड के प्रयोजनों के लिए “प्रबन्ध” में सम्मिलित है ऐसे संगठन के लिए नीतियों को बनाने और प्रशासन के लिए उत्तरदायी कोई व्यक्ति या बोर्ड या समिति;

(iii) उपखण्ड (i) और (ii) के अधीन आने वाले कार्यस्थल के संबंध में वह व्यक्ति जो उसके कर्मचारियों की बाबत संविदाजात बाध्यता का निर्वहन कर रहा हो; 

(iv) किसी निवास स्थान या गृह के संबंध में, कोई व्यक्ति या गृहस्थी जो घरेलू कर्मकार को नियोजित करे या उसके नियोजन से लाभ प्राप्त करे, इस प्रकार नियोजित कर्मकारो की  संख्या, कालावधि या प्रकार, अथवा घरेलू कर्मकार के नियोजन की प्रकृति या उसके द्वारा किये जाने वाले क्रियाकलापों पर विचार किये बिना;

(ज) “आंतरिक समिति” से धारा 4 के अधीन गठित आंतरिक परिवाद समिति अभिप्रेत है;

(झ) “स्थानीय समिति” से धारा 6 के अधीन गठित स्थानीय परिवाद समिति अभिप्रेत है; 

(ञ) “सदस्य” से, यथास्थिति, आंतरिक समिति या स्थानीय समिति का कोई सदस्य अभिप्रेत है;

(ट) “विहित” से इस अधिनियम के अधीन बनाए गए नियमों द्वारा विहित अभिप्रेत है; 

(ठ) “पीठासीन अधिकारी” से धारा 4 की उपधारा (2) के अधीन नामनिर्दिष्ट किया गया आंतरिक परिवाद समिति का पीठासीन अधिकारी अभिप्रेत है; 

(ड) “प्रत्यर्थी” से ऐसा व्यक्ति अभिप्रेत है, जिसके विरुद्ध व्यक्ति महिला ने धारा 9 के अधीन कोई परिवाद किया है

(ढ) “लैंगिक उत्पीड़न” के अंतर्गत निम्नलिखित में से कोई एक या अधिक अवांछनीय कृत्य या व्यवहार (चाहे प्रत्यक्ष रूप से या तात्पर्यित) सम्मिलित है, अर्थात् –

(i) शारीरिक सम्पर्क और अग्रक्रियाएँ करना; या 

(ii) लैंगिक स्वीकृति के लिए कोई मांग या अनुरोध करना ;या

(iii) लैंगिक आभासी टिप्पणियाँ करना; या 

(iv) अश्लील साहित्य दिखाना; या

(v) लैंगिक प्रकृति का कोई अन्य अवांछनीय शारीरिक, शाब्दिक या गैर-शाब्दिक आचरण करना;

(ण) “कार्यस्थल” के अंतर्गत निम्नलिखित भी हैं,-

(i) ऐसा कोई विभाग, संगठन, उपक्रम, स्थापन, उद्यम, संस्था, कार्यालय, शाखा या यूनिट, जो समुचित सरकार या स्थानीय प्राधिकरण या किसी सरकारी कम्पनी या किसी निगम या सहकारी सोसाइटी द्वारा स्थापित, उसके स्वामित्वाधीन, नियंत्रणाधीन या पूर्णतः या भागतः, उसके द्वारा प्रत्यक्ष रूप से या अप्रत्यक्ष रूप से उपलब्ध कराई गई निधियों द्वारा वित्तपोषित की जाती है;

(ii) कोई प्राइवेट सेक्टर संगठन या किसी प्राइवेट वेन्चर, उपक्रम, उद्यम, संस्था, स्थापन, सोसाइटी, न्यास, गैर-सरकारी संगठन, यूनिट या सेवा प्रदाता, जो वाणिज्यिक, व्रत्तिक, व्यावसायिक, शैक्षिक, मनोरंजक, औद्योगिक, स्वास्थ्य सेवाएं या वित्तीय क्रियाकलाप करता है, जिसके अंतर्गत उत्पादन, प्रदाय, विक्रय वितरण या सेवा भी है: 

(iii) अस्पताल या परिचर्या गृह;

(iv) कोई खेलकूद संस्था, स्टेडियम, खेलकूद प्रक्षेत्र या प्रतियोगिता अथवा खेल का स्थान, जो चाहे नैवासिक हो या प्रशिक्षण, खेलकूद या झससे संबंधित अन्य क्रियाकलापों में प्रयुक्त न किया जाता हो;

(v) नियोजन, से उद्भूत या के दौरान, कर्मचारी द्वारा दौरा किया गया कोई स्थान जिसमें सम्मिलित है ऐसी यात्रा करने के लिए नियोजक द्वारा उपलब्ध कराया गया परिवहन ;

(vi) कोई निवास स्थान या गृह;

(त) किसी कार्यस्थल के संबंध में, “असंगठित सेक्टर” से ऐसा कोई उधम अभिप्रेत है, जो व्यष्टियों या स्वनियोजित कर्मकारों के स्वामित्वाधीन है और किसी भी प्रकार के माल के उत्पादन या विक्रय अथवा सेवा प्रदान करने में लगा हुआ है और जहाँ उद्यम कर्मकारों को नियोजित करता है, वहाँ ऐसे कर्मकारों की संख्या दस से कम है।


2 Sexual Harassment of Women at Workplace Act -Definitions –

In this Act, unless the context otherwise requires, —

(a) “aggrieved woman” means—

(i) in relation to a workplace, a woman, of any age whether employed or not, who alleges to have been subjected to any act of sexual harassment by the respondent;

(ii) in relation to dwelling place or house, a woman of any age who is employed in such a dwelling place or house;

(b) “appropriate Government” means—

(i) in relation to a workplace which is established, owned, controlled or wholly or substantially financed by funds provided directly or indirectly—

(A) by the Central Government or the Union territory administration, the Central Government;

(B) by the State Government, the State Government;

(ii) in relation to any workplace not covered under sub-clause (i) and falling within its territory, the State Government;

(c) “Chairperson” means the Chairperson of the Local Complaints Committee nominated under sub-section (1) of section 7;

(d) “District Officer” means on officer notified under section 5;

(e) “domestic worker” means a woman who is employed to do the household work in any household for remuneration whether in cash or kind, either directly or through any agency on a temporary, permanent, part time or full time basis, but does not include any member of the family of the employer;

(f) “employee” means a person employed at a workplace for any work on regular, temporary, ad hoc or daily wage basis, either directly or through an agent, including a contractor, with or, without the knowledge of the principal employer, whether for remuneration or not, or working on a voluntary basis or otherwise, whether the terms of employment are express or implied and includes a co-worker, a contract worker, probationer, trainee, apprentice or called by any other such name;

(g) “employer” means—

(i) in relation to any department, organisation, undertaking, establishment, enterprise, institution, office, branch or unit of the appropriate Government or a local authority, the head of that department, organisation, undertaking, establishment, enterprise, institution, office, branch or unit or such other officer as the appropriate Government or the local authority, as the case may be, may by an order specify in this behalf;

(ii) in any workplace not covered under sub-clause (i), any person responsible for the management, supervision and control of the workplace.

Explanation. —For the purposes of this sub-clause “management” includes the person or board or committee responsible for formulation and administration of polices for such organisation;

(iii) in relation to workplace covered under sub-clauses (i) and (ii), the person discharging contractual obligations with respect to his or her employees;

(iv) in relation to a dwelling place or house, a person or a household who employs or benefits from the employment of domestic worker, irrespective of the number, time period or type of such worker employed, or the nature of the employment or activities performed by the domestic worker;

(h) “Internal Committee” means an Internal Complaints Committee constituted under section 4;

(i) “Local Committee” means the Local Complaints Committee constituted under section 6;

(j) “Member” means a Member of the Internal Committee or the Local Committee, as the case may be;

(k) “prescribed” means prescribed by rules made under this Act;

(l) “Presiding Officer” means the Presiding Officer of the Internal Complaints Committee nominated under sub-section (2) of section 4;

(m) “respondent’ means a person against whom the aggrieved woman has made a complaint under section 9;

(n) “sexual harassment” includes any one or more of the following unwelcome acts or behavior (whether directly or by implication) namely:—

(i) physical contact and advances; or

(ii) a demand or request for sexual favours; or

(iii) making sexually coloured remarks; or

(iv) showing pornography; or

(v) any other unwelcome physical, verbal or non-verbal conduct of sexual nature;

(o) “workplace” includes—

(i) any department, organisation, undertaking, establishment, enterprise, institution, office, branch or unit which is established, owned, controlled or wholly or substantially financed by funds provided directly or indirectly by the appropriate Government or the local authority or a Government company or a corporation or a co-operative society;

(ii) any private sector organisation or a private venture, undertaking, enterprise, institution, establishment, society, trust, non-governmental organisation, unit or service provider carrying on commercial, professional, vocational, educational, entertainmental, industrial, health services or financial activities including production, supply, sale, distribution or service;

(iii) hospitals or nursing homes;

(iv) any sports institute, stadium, sports complex or competition or games venue, whether residential or not used for training, sports or other activities relating thereto;

(v) any place visited by the employee arising out of or during the course of employment including transportation by the employer for undertaking such journey;

(vi) a dwelling place or a house;

(p) “unorganised sector” in relation to a workplace means an enterprise owned by individuals or self-employed workers and engaged in the production or sale of goods or providing service of any kind whatsoever, and where the enterprise employs workers, the number of such workers is less than ten.

धारा 2 महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न अधिनियम