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धारा 26 मध्यप्रदेश राज्य सुरक्षा अधिनियम 1990

धारा 26 मध्यप्रदेश राज्य सुरक्षा अधिनियम 1990 — संरक्षित क्षेत्र. –

(1) यदि राज्य सरकार, जनसाधारण के हित में यह आवश्यक या समीचीन समझती है कि किसी क्षेत्र में व्यक्तियों के प्रवेश को विनियमित किया जाए, तो राज्य सरकार, इस अधिनियम के किन्हीं भी अन्य उपबन्धों पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना, आदेश द्वारा ऐसे क्षेत्र को संरक्षित क्षेत्र घोषित कर सकेगी, और तदुपरि उस समय तक जब कि यह आदेश प्रवृत्त रहता है, ऐसा क्षेत्र इस अधिनियम के प्रयोजनों के लिए संरक्षित क्षेत्र होगा ।

(2) ऐसी तारीख को तथा ऐसी तारीख के पश्चात् जो उपधारा (1) के अधीन किये गये आदेश में विनिर्दिष्ट की जाये तथा किन्हीं ऐसी छूटों के अध्यधीन रहते हुए जिनके लिये उक्त आदेश द्वारा उपबन्ध किया जाये, कोई भी ऐसा व्यक्ति, जो उक्त तारीख के ठीक पूर्व, उक्त आदेश द्वारा संरक्षित क्षेत्र के रूप में घोषित किये गये क्षेत्र का निवासी नहीं था, उक्त आद्वेश में विनिर्दिष्ट किये गये प्राधिकारी या व्यक्ति द्वारा उसे दिये गये लिखित अनुज्ञा -पत्र के निर्बन्धनों के अनुसार ही उस क्षेत्र में प्रवेश करेगा या उसमें रहेगा अन्यथा नहीं ।

(3) यदि कोई व्यक्ति इस धारा के उपबन्धों के उल्लंघन में किसी संरक्षित क्षेत्र में प्रवेश करेगा या रहेगा तो ऐसी किन्हीं भी अन्य कार्यवाहियों पर, जो उसके विरुद्ध की जा सकती हों, प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना, उस संरक्षित क्षेत्र में कर्तव्यारूद किसी भी पुलिस अधिकारी द्वारा या उसके निदेशों के अधीन या राज्य सरकार द्वारा इस निमित्त प्राधिकृत किये गये किसी भी अन्य व्यक्ति द्वारा वहाँ से हटाया जा सकेगा ।

(4) यदि कोई व्यक्ति इस धारा के उपबन्धों में से किसी भी उपबन्ध के उल्लंघन में किसी संरक्षित स्थान में प्रवेश करेगा या रहेगा, तो वह कारावास से, जिसकी अवधि तीन वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दण्डनीय होगा ।

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