धारा 3 मध्यप्रदेश विशेष न्यायलय अधिनियम — विशेष न्यायालयों की स्थापना —
(1) अपराध के त्वरित विचारण के प्रयोजन के लिए राज्य सरकार, अधिसूचना द्वारा, उतनी संख्या में जितनी पर्याप्त समझी जाए न्यायालयों की स्थापना करेगी जिन्हें विशेष न्यायालय कहा जाएगा ।
(2) विशेष न्यायालय की अध्यक्षता उच्च न्यायालय की सहमति से राज्य सरकार द्वारा नामनिर्दिष्ट न्यायाधीश द्वारा की जाएगी।
(3) ऐसा कोई भी व्यक्ति किसी विशेष न्यायालयों के न्यायाधीश के रूप में नामनिर्दिष्ट किए जाने के लिए अर्हित नहीं होगा जब तक कि वह उच्चतर न्यायिक सेवा का सदस्य न हो और जो राज्य में सत्र न्यायाधीश / अपर सत्र न्यायाधीश न हो या न रहा हो
Establishment of Special Courts. –
(1) The State Government shall, for the purpose of speedy trial of offence, by notification, establish as many courts as considered adequate to be called Special Courts.
(2) A Special Court shall be presided over by a Judge to be nominated by the State Government with the concurrence of the High Court.
(3) No person shall be qualified for nomination as a Judge of a Special Court unless he is a member of Higher Judicial Service and is or has been a Sessions Judge/Additional Sessions Judge in the State.