धारा 31 किशोर न्याय अधिनियम 2015 — समिति के समक्ष पेश किया जाना. –
(1) देखरेख और संरक्षण के लिए जरूरतमंद किसी बालक को निम्नलिखित किसी व्यक्ति द्वारा समिति के समक्ष पेश किया जा सकेगा, अर्थात् :-
(i) किसी पुलिस अधिकारी द्वारा या विशेष किशोर पुलिस एकक या पदाभिहीत बालक कल्याण पुलिस के अधिकारी या जिला बालक कल्याण एकक के किसी अधिकारी या तत्समय प्रवृत्त किसी श्रम विधि के अधीन नियुक्त निरीक्षक द्वारा;
(ii) किसी लोक सेवक द्वारा;
(iii) ऐसी बालबद्ध सेवाओं या किसी स्वैच्छिक या गैर-सरकारी संगठन या किसी अभिकरण द्वारा, जिन्हें राज्य सरकार द्वारा मान्यता दी जाए;
(iv) बालक कल्याण अधिकारी या परिवीक्षा अधिकारी द्वारा;
(v) किसी सामाजिक कार्यकर्ता या लोक भावना से युक्त नागरिक द्वारा;
(vi) स्वयं बालक द्वारा; या
(vii) किसी नर्स, डाक्टर, परिचर्या गृह (नर्सिंग होम), अस्पताल या प्रसूति गृह के प्रबंधक द्वारा:
परन्तु बालक को समय नष्ट किए बिना, किन्तु चौबीस घंटे की अवधि के भीतर यात्रा के लिए आवश्यक समय को छोड़कर समिति के समक्ष पेश किया जाएगा ।
(2) राज्य सरकार, जांच की अवधि के दौरान समिति को रिपोर्ट प्रस्तुत करने की रीति का और बालक को, यथास्थिति, बाल गृह या आश्रय गृह या सुविधा उपयुक्त तंत्र या योग्य व्यक्ति के पास भेजने या सौंपने की रीति का उपबंध करने के लिए इस अधिनियम से संगत नियम बना सकेगी।
Section 31 Juvenile Justice Act 2015 — Production before Committee —
(1) Any child in need of care and protection may be produced before the Committee by any of the following persons, namely:—
(i) any police officer or special juvenile police unit or a designated Child Welfare Police Officer or any officer of District Child Protection Unit or inspector appointed under any labour law for the time being in force;
(ii) any public servant;
(iii) Childline Services or any voluntary or non-governmental organisation or any agency as may be recognised by the State Government;
(iv) Child Welfare Officer or probation officer;
(v) any social worker or a public spirited citizen;
(vi) by the child himself; or
(vii) any nurse, doctor or management of a nursing home, hospital or maternity home: धारा 31 किशोर न्याय अधिनियम 2015
Provided that the child shall be produced before the Committee without any loss of time but within a period of twenty-four hours excluding the time necessary for the journey.
(2) The State Government may make rules consistent with this Act, to provide for the manner of submitting the report to the Committee and the manner of sending and entrusting the child to childrens home or fit facility or fit person, as the case may be, during the period of the inquiry.