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धारा 33 सूचना प्रौधोगिकी अधिनियम 2000 | धारा 33 आईटी एक्ट 2000 | Section 33 IT Act 2000 in hindi

धारा 33 आईटी एक्ट 2000 – अनुज्ञप्ति का अभ्यर्पण —

(1) ऐसा प्रत्येक प्रमाणकर्ता प्राधिकारी, जिसकी अनुज्ञप्ति निलंबित या प्रतिसंहृत कर दी गई है, ऐसे निलंबन या प्रतिसंहरण के ठीक पश्चात् नियंत्रक को अनुज्ञप्ति अभ्यर्पित करेगा । 

(2) जहां कोई प्रमाणकर्ता प्राधिकारी उपधारा (1) के अधीन किसी अनुज्ञप्ति का अभ्यर्पण करने में असफल रहेगा वहां वह व्यक्ति, जिसके पक्ष में अनुज्ञप्ति जारी की गई है, अपराध का दोषी होगा और कारावास से, जो छह मास तक का हो सकेगा या जुर्माने से, जो दस हजार रुपये तक का हो सकेगा या दोनों से दंडित किया जाएगा।


Section 33 IT Act 2000- Surrender of licence–

(1) Every Certifying Authority whose licence is suspended or revoked shall immediately after such suspension or revocation, surrender the licence to the Controller.

(2) Where any Certifying Authority fails to surrender a licence under sub-section (1), the person in whose favour a licence is issued, shall be guilty of an offence and shall be punished with imprisonment which may extend up to six months or a fine which may extend up to ten thousand rupees or with both

धारा 33 आईटी एक्ट 2000