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धारा 3A सूचना प्रौधोगिकी अधिनियम 2000 | धारा 3A आईटी एक्ट 2000 | Section 3A IT Act 2000 in hindi

धारा 3A आईटी एक्ट 2000 – इलेक्ट्रॉनिक चिह्नक-

(1) धारा 3 में किसी बात के होते हुए भी, किंतु उपधारा (2) के उपबंधों के अधीन रहते हुए, कोई उपयोगकर्ता किसी इलेक्ट्रॉनिक अभिलेख को, ऐसे इलेक्ट्रॉनिक चिह्नक या इलेक्ट्रॉनिक अधिप्रमाणन तकनीक द्वारा अधिप्रमाणित कर सकेगा, जो,-

(क) विश्वसनीय समझी गई हो ; और

(ख) दूसरी अनुसूची में विनिर्दिष्ट की जाए ।

(2) इस धारा के प्रयोजनों के लिए कोई इलेक्ट्रॉनिक चिह्नक या इलेक्ट्रॉनिक अधिप्रमाणन तकनीक विश्वसनीय समझी जाएगी, यदि,-

(क) चिह्नक सृजन डाटा या अधिप्रमाणन डाटा, ऐसे संदर्भ के भीतर है, जिसमें वे यथास्थिति हस्ताक्षरकर्ता या अधिप्रमाणनकर्ता के उपयोग सम्बध्द किये जाते हैं और किसी अन्य व्यक्ति से नही ;

(ख) चिह्नक सृजन डाटा या अधिप्रमाणन डाटा, जहाँ चिह्नांकन के समय, यथास्थिति, हस्ताक्षरकर्ता या अधिप्रमाणनकर्ता के नियंत्रणाधीन थे और किसी अन्य व्यक्ति के नही ;

(ग) इलेक्ट्रॉनिक चिह्नक में कोई परिवर्तन ऐसा चिह्नक करने के पश्चात्, ऐसा चिह्नक पता लगाए जाने योग्य है;

(घ) सूचना में कोई परिवर्तन उसके इलेक्ट्रॉनिक चिह्नक द्वारा अधिप्रमाणन के पश्चात् पता लगाए जाने योग्य है; और

(ङ) यह उन अन्य शर्तों को पूरी करता हो, जो विहित की जाएं ।

(3) केन्द्रीय सरकार, इस बात का अभिनिश्चय करने के प्रयोजन के लिए प्रक्रिया विहित कर सकेगी तथा इलेक्ट्रॉनिक चिह्नक उसी व्यक्ति का है जिसके द्वारा उसका चिह्नांकन किया जाना या अधिप्रमाणित किया जाना तात्पर्यित है ।

(4) केन्द्रीय सरकार, राजपत्र में अधिसूचना द्वारा, इलेक्ट्रॉनिक चिह्नक या इलेक्ट्रॉनिक चिह्नक अधिप्रमाणन तकनीक को जोड़ने या हटाने और दूसरी अनुसूची से ऐसे चिन्ह्को को लगाने की प्रक्रिया अधिसूचित कर सकेगी ;

परंतु कोई इलेक्ट्रॉनिक चिह्नक या अधिप्रमाणन तकनीक दूसरी अनुसूची में तब तक विनिर्दिष्ट नही की जाएगी, जब तक ऐसा चिह्नक या तकनीक विश्वसनीय न हो ।

(5) उपधारा (4) के अधीन जारी की गई प्रत्येक अधिसूचना संसद् के प्रत्येक सदन के समक्ष रखी जाएगी ।


Section 3A IT Act 2000 – 1 [Electronic signature.–

(1) Notwithstanding anything contained in section 3, but subject to the provisions of sub-section (2), a subscriber may authenticate any electronic record by such electronic signature or electronic authentication technique which–

(a) is considered reliable; and

(b) may be specified in the Second Schedule.

(2) For the purposes of this section any electronic signature or electronic authentication technique shall be considered reliable if–

(a) the signature creation data or the authentication data are, within the context in which they are used, linked to the signatory or, as the case may be, the authenticator and to no other person; धारा 3A आईटी एक्ट 2000

(b) the signature creation data or the authentication data were, at the time of signing, under the control of the signatory or, as the case may be, the authenticator and of no other person;

(c) any alteration to the electronic signature made after affixing such signature is detectable; धारा 3A आईटी एक्ट 2000

(d) any alteration to the information made after its authentication by electronic signature is detectable; and

(e) it fulfils such other conditions which may be prescribed.

(3) The Central Government may prescribe the procedure for the purpose of ascertaining whether electronic signature is that of the person by whom it is purported to have been affixed or authenticated. धारा 3A आईटी एक्ट 2000

(4) The Central Government may, by notification in the Official Gazette, add to or omit any electronic signature or electronic authentication technique and the procedure for affixing such signature from the Second Schedule:

Provided that no electronic signature or authentication technique shall be specified in the Second Schedule unless such signature or technique is reliable.

(5) Every notification issued under sub-section (4) shall be laid before each House of Parliament.]


1. Ins. by s. 6, ibid. (w.e.f. 27-10-2009)

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