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धारा 4 मध्यप्रदेश अत्यावश्यक सेवा संधारण तथा विच्छिन्नता निवारण अधिनियम 1979

धारा 4 मध्यप्रदेश अत्यावश्यक सेवा संधारण तथा विच्छिन्नता निवारण अधिनियम 1979 — कतिपय अत्यावश्यक सेवाओं में कार्य करने से इन्कार किया जाने का प्रतिषेध करने की शक्ति.

(1) यदि राज्य सरकार का यह समाधान हो जाए कि लोकहित में या लोक व्यवस्था के हित में ऐसा करना आवश्यक है, तो वह साधारण या विशेष आदेश द्वारा, ऐसी अत्यावश्यक सेवा में तथा ऐसी तारीख से जैसी कि आदेश में विनिर्दिष्ट की जाए, कार्य करने से इन्कार किया जाने का प्रतिषेध कर सकेगी।

(2) उपधारा (1) के अधीन किया गया कोई आदेश, केवल तीन मास तक प्रवृत रहेगा, किन्तु राज्य सरकार वैसे ही आदेश द्वारा, उसे समय-समय पर किसी ऐसी कालावधि के लिये, जो एक बार में तीन मास से अधिक की नहीं होगी, बढ़ा सकेगी, यदि उसका यह समाधान हो जाए कि ऐसा करना लोकहित में आवश्यक या समीचीन है।

(3) उपधारा (1) के अधीन किया गया कोई आदेश, ऐसी रीति में प्रकाशित किया जाएगा जिसे राज्य सरकार, उसे सर्व सम्बन्धित के ध्यान में लाने के लिये उचित समझे ।

धारा 4 मध्यप्रदेश अत्यावश्यक सेवा संधारण तथा विच्छिन्नता निवारण अधिनियम 1979