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धारा 40 विनिर्दिष्ट अनुतोष अधिनियम | Section 40 SRA In hindi | Section 40 Specific Relief Act

धारा 40 विनिर्दिष्ट अनुतोष अधिनियम — व्यादेश के स्थान पर या उसके अतिरिक्त नुकसानी

(1) धारा 38 के अधीन शाश्वत व्यादेश या धारा 39 के अधीन आज्ञापक व्यादेश के लिये किसी वाद में वादी, या तो ऐसे व्यादेश के अतिरिक्त या के स्थान पर नुकसानी का दावा कर सकेगा और न्यायालय, यदि ठीक समझे, ऐसी नुकसानी अधिनिर्णीत कर सकेगा ।

(2) इस धारा के अधीन नुकसानी के लिये कोई अनुतोष अनुदत्त नहीं किया जाएगा जब तक कि वादी ने उसके बादपत्र में ऐसे अनुतोष का दावा न किया हो :

परन्तु यह कि जहाँ वादपत्र में ऐसी किसी नुकसानी का दावा न किया गया हो, न्यायालय,कार्यवाहियों के किसी भी प्रक्रम पर, वादी को ऐसे दावे को सम्मिलित करने के लिये ऐसे निबंधनों पर जैसे कि न्यायसंगत हों, वादपत्र में संशोधन करना मंजूर करेगा । 

(3) वादी के पक्ष में विद्यमान किसी बाध्यता के भंग को निवारित करने के किसी वाद की खारिजी ऐसे भंग के लिये नुकसानी के लिये वाद लाने के उसके अधिकार का वर्जन करेगी। 


Section 40 Specific Relief Act — Damages in lieu of, or in addition to, injunction —

(1) The plaintiff in a suit for perpetual injunction under section 38, or mandatory injunction under section 39, may claim damages either in addition to, or in substitution for, such injunction and the court may, if it thinks fit, award such damages.


(2) No relief for damages shall be granted under this section unless the plaintiff has claimed such relief in his plaint:



Provided that where no such damages have been claimed in the plaint, the court shall, at any stage of the proceedings, allow the plaintiff to amend the plaint on such terms as may be just for including such claim.



(3) The dismissal of a suit to prevent the breach of an obligation existing in favour of the plaintiff shall bar his right to sue for damages for such breach.

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